स्वास्थ्य मंत्री साब ने कहा, वीडियो बनाने वाले को कैसे पता था कि महिला की होगी अस्पताल में डिलीवरी.. क्या वह पहले ही कैमरे फिट करके बैठा था ?
खैहरा ने कहा कि अनपढ़ मंत्री जौड़माजरा उस व्यक्ति को धमका रहा हैं, जिसने वीडियो बनाकर राज्य की दयनीय स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोली है
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ। पंजाब के पठानकोट के सिविल अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी मामले में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री को सुनियोजित षड्यंत्र की बू आ रही है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने एक बड़ा ही अजीब ब्यान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पठानकोट के सिविल अस्पताल के फर्श पर हुई डिलीवरी सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा थी। उन्हें शक है कि इसकी वीडियो जिस व्यक्ति ने बनाई है, यह सारा उसका ही किया धरा है।
इस सारे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन इसमें किसी षड्यंत्र की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि विडियो बनाने वाले को कैसे पता था कि महिला की अस्पताल में डिलीवरी होगी। क्या वह पहले ही कैमरे फिट करके बैठा था। जिस व्यक्ति ने इस अस्पताल में यह वीडियो बनाई है उसकी भी जांच करवाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा एक टीवी चैनल पर इन बातों का प्रग्टावा कर रहे थे।
अब साहिब पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री हैं, मुंह से निकली हर बात छप जाती है। जैसे ही यह बात मीडिया पर वायरल हुई, स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा के इस बयान की हर तरफ निंदा होनी शुरू हो गई। कांग्रेस के विधायक सुखपाल खैहरा ने मंत्री साब के इस ब्यान का जवाब ट्वीट करके दिया। उन्होंने लिखा कि पठानकोट के सिविल अस्पताल में फर्श पर बच्चे को जन्म देने वाली महिला को न्याय देने के बजाय सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अपने अंहकार पर उतर आए हैं।
खैहरा ने कहा कि अनपढ़ मंत्री जौड़माजरा उस व्यक्ति को धमका रहा हैं, जिसने वीडियो बनाकर राज्य की दयनीय स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोली है। खैहरा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को टैग करते हुए पूछा है कि क्या वीडियो बनाना गलत है। उधर दूसरी तरफ अनुसूचित जाति – जनजाति आयोग व एससीएसटी आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को पठानकोट के सिविल अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी के लिए नोटिस जारी किया है। आयोग ने डिविजनल कमिश्नर, डीसी, एसपी से भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।