मृतक छात्र शिवम मल्होत्रा के पिता ने कहा.. उनका बेटा बेकसूर था, उस फंसाया गया,, डिप्रेशन में आ निगली सल्फास
टाकिंग पंजाब
जालंधर। पिछले साल दिसंबर में डेविएट कॉलेज के कुछ युवको के बीच हुई आपसी लड़ाई के मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है। इस मामले में लगभग 10 महीने बाद छात्र शिवम मल्होत्रा ने सलफास निगल आत्महत्या कर ली है। छात्र शिवम की मौत से गुस्साए कॉलेज के छात्रों व मृतक शिवम मल्होत्रा के परिवार वालो ने डीएवी फ्लाईओवर पर डेविएट के प्रबंधकों के खिलाफ धरना लगा दिया। परिजन पोस्टमार्टम करवाकर शव को शमशान घाट ले जाने की बजाये एंबुलेंस लेकर फ्लाईओवर पर पहुंचे व धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया।
एसीपी नॉर्थ दमनवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे लेकिन छात्रों ने एफआईआर से पहले धरना ना हटाने की बात कही। इस धरने में मृतक छात्र शिवम मल्होत्रा के पिता डॉ. जितेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि जब सल्फास निगलने के बाद वह अपने बेटे को अस्पताल ले जा रहे थे तो उसने मां से कहा कि वह बेकसूर है, उसे फंसाया गया। अब कालेज प्रबंधन के दबाव में आकर पुलिस ने छोटे भाई का करियर तबाह करने के लिए चार्जशीट में नाम जोड़ दिया है। मेरे कारण सब कुछ खत्म हो गया, अब मैं नहीं रहना चाहता पर मेरे मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा जरूर दिलवाना।
उन्होंने कहा कि मामला दर्ज होने के कारण उनका बेटा शिवम मल्होत्रा काफी डिप्रेशन में रहता था। इस बात को लेकर वह कईं कई बार उस समय के कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज कुमार से मिले भी थे। हमें अपने बेटे से मिलने भी नही दिया जाता था। इस मुद्दे को लेकर हम कईं बार कॉलेज के डीन से भी मिले लेकिन उन्होंने भी कभी हमारी बात नही सुनी। शिवम मल्होत्रा के पिता डॉ. जितेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि इस डिप्रेशन के चलते ही कल हमारे बेटे ने सल्फास की गोलियां खा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
उधर एसीपी नॉर्थ दमनवीर सिंह व सब इंस्पेक्टर मेजर सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जब वर्तमान में प्रिंसीपल डॉ. सुधीर शर्मा से संपर्क किया गया तो उनसे बात नहीं हो सकी। कालेज प्रबंधन का पक्ष अगर सामने आता है तो उसे भी प्रमुखता से रखा जाऐगा।