माननीय अदालत में पेश हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल व सीनियर नेता विरसा सिंह वल्टोहा

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29 नवंबर पड़ी अगली तारीख… सुखबीर बोले,  राजनीतिक से प्रेरित था दर्ज किया गया मामला

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अमृतसर। एक जनवरी 2021 को ब्यास के नजदीक दरिया में हो रही माइनिंग साइट पर शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पहुंंचे थे। उन्होंने इस दौरान आरोप लगाए थे कि पंजाब सरकार की तरफ से उक्त जगह पर नाजायज माइनिंग करवाई जा रही है। इस दौरान उनके साथ सीनियर नेता विरसा सिंह वल्टोहा भी थे। उनके आरोपो के बाद माइनिंग करने वाली फर्म फ्रैंडस एंड कंपनी ने इन आरोपों को नकारते हुए इसके सभी दस्तावेज भी दिखाए थे।

इसके पश्चात उन्होंने सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ थाना ब्यास में शिकायत दर्ज करवाई। माननीय अदालत की तरफ से शिरोमणि अकाली दल बादल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल व सीनियर नेता विरसा सिंह वल्टोहा के गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद वह वीरवार की दोपहर अदालत में पेश हुए। अदालत में पेश होने के बाद दोनों ने अपने जमानती बांड भरे। अब इस केस की अगली तारीख 29 नवंबर की पड़ी है।

इस मामले में थाना ब्यास की पुलिस ने सुखबीर बादल व विरसा सिंह वल्टोहा व उक्त सभी लोगों के खिलाफ 269, 270, 188, 341, 506 आईपीसी के अलावा थ्री एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत केस दर्ज किया गया था। अदालत में पेश होने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उन पर दर्ज किया गया मामला राजनीतिक से प्रेरित था। उस समय कांग्रेस की सरकार ने उन पर यह केस दर्ज करवाया था और अब आम आदमी पार्टी उसे आगे चला रही है। उन्होंने कहा कि अदालत से हमेशा उन्हें इंसाफ मिलता रहा है और अब भी उन्हें इंसाफ ही मिलेगा। दोनों नेताओं को इस केस की हर तारीख को पेश होना पड़ेगा।

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