मारपीट में डॉक्टर को आई गंभीर चोटें… स्टाफ ने कामकाज छोड़ कर अस्पताल के बाहर लगाया धरना
टाकिंग पंजाब
फगवाड़ा। पंजाब के फगवाड़ा सिविल अस्पताल में ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुए युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद घायल को लेकर सिविल अस्पताल में आए लोगों ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व स्टाफ की पिटाई कर हंगामा कर दिया। दरअसल, नवांशहर को जाने वाले रेलवे ट्रैक के पास एक 17 साल का युवक अनुज सिंह कान से मोबाइल लगाकर सुन रहा था। वह फोन सुनने में इतना मशगूल था कि उसे ट्रेन के आने का पता नहीं चला। जिसके चलते रेलवे ट्रैक के किनारे ट्रेन की फेट लगने से युवक का सिर पूरी तरह से खुल गया व सिर पर गंभीर चोटें आई।
युवक के परिजन व लोगों ने उसे तुरंत प्रभाव से उठाकर सिविल अस्पताल फगवाड़ा में ले आए। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अशीष जेतली ने युवक की हालत देखकर पहले उसे लुधियाना या फिर किसी अन्य अस्पताल में ले जाने के लिए कहा, लेकिन परिजन नहीं माने और डॉक्टर पर इलाज के लिए दबाब बनाना शुरू कर दिया। इस पर डॉक्टर ने घायल अनुज सिंह को इलाज देने के लिए स्टिच लगाने शुरू ही किए थे कि घावों की ताव न सहते हुए अनीश ने वहीं पर दम तोड़ दिया।
उसके बाद जब डॉक्टर ने अनीश की मौत के बारे में परिजनों को बताया तो अनीष के परिजनों व साथ आए लोगों ने गुस्से में आकर डॉक्टर व स्टाफ के के साथ जमकर मारपीट की। मारपीट में डॉक्टर अशीष जेतली को गंभीर चोटें आई हैं वह खुद अस्पताल में भर्ती हैं। मारपीट करने के बाद अस्पताल स्टाफ में गहरा रोष पाया जा रहा है। स्टाफ ने कामकाज छोड़ कर अस्पताल के बाहर धरना लगा दिया है। स्टाफ सुरक्षा को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है और हमलावरों को पकड़ने की मांग कर रही है। हालांकि इसी बीच पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।
मारपीट में घायल हुए डॉक्टर अशीष जेतली ने कहा कि युवक अनुज सिंह जो कि ट्रेन की फेट लगने से बुरी तरह घायल हो गया था। उसका सिर खुल चुका था। घायल युवक को वेंटिलेटर की तुरंत आवश्यकता थी। उन्होंने प्राथमिक उपचार देकर युवक रेफर करने से पहले टांके लगाने का काम शुरू ही किया था कि इसी दौरान वह कोलैप्स कर गया। जिसके बाद परिजनों ने मारपीट करनी शुरू कर दी।