राहुल ने कहा.. दो भारत बन रहे हैं, एक किसानों व गरीबों का व दूसरा इन पांच-छह पूंजीपतियों का, राजन बोले यह बहुत बड़ी दिक्कत।
टाकिंग पंजाब
जयपुर। कोरोना काल में लोगों के काम-धंधे बंद होने की वजह से गरीब-अमीर के बीच असमानता और बढ़ गई है। इससे अपर मिडिल क्लास को नुकसान नहीं हुआ है, जबकि लोअर मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। लोअर मिडिल क्लास की तरफ हमें देखना है, हमें नीति उनके लिए बनानी चाहिए। इन बातों का प्रग्टावा आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान किया। रघुराम राजन का राहुल गाधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बीच एक खेत में बने मकान की छत पर यह इंटरव्यू किया। इस दौरान उन्होंने मिडिल क्लास के हित के लिए नीतियां बनाने की वकालत भी की। एक हिंदी अखबार के अनुसार राहुल गांधी ने रघुराम राजन से इंटरव्यू दौरान जो सवाल पूछे, उसमें से कुछ सवाल जवाब आपके सामने पेश कर रहे हैं।
राहुल : आप आज की इकोनॉमी को किस तरह देखते हैं ?
राजन : इस साल दिक्कतें थी। ग्रोथ स्लो है, भारत का एक्सपोर्ट कम है। कमोडिटी की महंगाई है। महंगाई विकास में बाधक है। समस्या इकोनॉमिक ग्रोथ के नंबर्स की है। कोरोना के बाद दिक्कतें बढ़ी हैं और हमारी विकास दर को कम किया है। कोरोना महामारी से पहले भी हमारी विकास दर कम थी। हमने इसे पैदा किया है।
राहुल : देश में चार-पांच पूंजीपति लगातार अमीर हो रहे हैं। दो भारत बन रहे हैं, एक किसानों व गरीबों का व दूसरा इन पांच-छह पूंजीपतियों का। इस बढ़ती असमानता पर हमें क्या करना चाहिए ?
राजन : यह बहुत बड़ी दिक्कत है। कोरोना काल में अमीर क्लास की आय बढ़ गई, क्योंकि वे घर से काम कर सकते थे, लेकिन गरीब लोगों को फैक्ट्री जाना था, वह बंद हो गई थी। फैक्ट्री बंद होने से मासिक आय बंद हो गई। इससे यह असमानता और बढ़ गई है
राहुल : दूसरी हरित क्रांति हो सकती है क्या ?
राजन : दूसरी हरित क्रांति बिल्कुल हो सकती है। हमें अब नए तरीके से सोचना होगा। प्रोसेसिंग पर ध्यान देना होगा। यहां का लेबर यूज करना चाहिए जो सस्ता है। खेत के प्रोसेसिंग यूनिट लगे, इससे एनर्जी बचेगी, बिजली डीजल की खपत कम हो जाएगी।
राहुल : महाराष्ट्र में जब मैं गुजरा तो वहां लोग कह रहे थे कि बांग्लादेश ने एक्सपोर्ट पॉलिसी से बहुत कुछ किया है, इस पर हमें क्या करना चाहिए ?
राजन : एक तो उनका सबसे अहम इंडस्ट्री टैक्सटाइल हैं, कपड़े बनाते हैं और बेचते हैं। बांग्लादेश ने बड़ी इंडस्ट्री को अलाउ किया। वहां लेबर महिलाएं हैं। बड़े पैमाने पर भर्तियां कीं।
राहुल : भारत में एक भी कंपनी नहीं जो पहले छोटी थी और अब बड़ी हो गई। यूएस में पांच-सात साल में छोटी कंपनी बड़ी हो जाती है। यह भारत में क्यों नहीं होता ?
राजन : आप बिल्कुल ठीक हैं। ग्रोथ के लिए अवसर चाहिए। जब आप ग्रोथ करना शुरू करते हैं तो सरकार मदद करती हैं इससे छोटे बिजनेस बढ़ते हैं।
राहुल : क्या आप इसे इंजॉय कर रहे हैं ?
राजन : बिल्कुल, इंजॉय कर रहे हैं। आप सांप्रदायिक सौहार्द और शांति के लिए पदयात्रा पर जा रहे हैं, इसकी देश को जरूरत है। भारत को जोड़ना है।
राहुल : बेरोजगारी भारी समस्या है, इसका क्या समाधान है ?
राजन : लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं, क्योंकि वहां जॉब सिक्योरिटी है। लेकिन सरकारी जॉब में बहुत कम लोग काम कर सकते हैं। ओपन भी करते हैं तो केवल 1 फीसदी रोजगार ही मिल पाएगा। हमें प्राइवेट सेक्टर को आगे बढ़ाना होगा। प्राइवेट सेक्टर और एग्रीकल्चर में टेक्निक ले आएं तो रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। हमें सर्विस सेक्टर को देखना चाहिए, वहां रोजगार पैदा होंगे।
राहुल : पहले सफेद क्रांति, हरित क्रांति, कंप्यूटर क्रांति हुई, आगे कौनसी क्रांति हो सकती है ?
राजन : आगे सर्विस रिवोल्यूशन होगा। हम अमेरिका गए, बिना अमेरिका काम कर सकते हैं। डॉक्टर टेली मेडिसन से यहां बैठकर अमेरिका में इलाज दे सकता है । हमें अब नए टाइप की हरित क्रांति चाहिए। हमें सोलर प्लांट , ग्रीन बिल्डिंग चाहिए। हमारे पास अनेकों अवसर हैं।
राहुल : शांति, भाईचारे से फायदा होता है ?
राजन : आपने एक भाषण में कहा था कि दो भाइयों के बीच संघर्ष से घर नहीं बच सकता। कई लोग बातें करते हैं कि माइनोरिटी को दबाना है, आंतरिक संघर्ष है।
राहुल : संसद के सुरक्षा गार्डों से दोस्ती हैं, मैने पूछा क्या कर रहे हो। उसने कहा कि बहुत मजा आ रहा है, उसने स्टॉक खरीदे हैं, उसमें उनके पैसे बन रहे थे। सैलरी क्लास को स्टॉक में पैसा लगाने में उसे रिस्क हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी स्टॉक में पैसा लगा रहे हैं। नया रिटेल इंवेस्टर पैसा डाल रहा है, आप क्या साेचते हैं ?
राजन : वो समझते नहीं कि इसमें रिस्क कितना है। उनके पास थोड़ा पैसा है, रिटर्न अच्छा है तो वो भी यहां डाल रहे हैं। वो यह नहीं देखते कि अच्छा रिटर्न किस वजह से है। अमेरिका में क्रिप्टो का मामला हुआ, उसका रिटर्न शानदार था। बिटकॉइन दो तीन डॉलर से 67 हजार डॉलर तक गया, फिर नीचे आ गया। ज्यादातर गरीब लोग तब खरीदते हैं जब कीमतें हाई लेवल पर हों, अमीर लोग उस वक्त बेचते हैं।
राहुल : आज की दुनिया में सब जगह नफरत फैली है। यूक्रेन से लेकर कई जगह देख लीजिए तो भारत इसमें दुनिया को दिशा दे सकता है। भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है।