बड़ते कोरोना संकट के बीच सामने आई बड़ी लापरवाही.. पंजाब में 11 लाख लोगों ने नहीं लगवाया कोविड का पहला टीका

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40 हजार लोगो ने नहीं ली दूसरी डोज तो करीब 9 लाख लोगों को नहीं लगी बूस्टर डोज
टाकिंग पंजाब 
चंडीगढ़। चीन में एक बार फिर से फैली कोरोना महामारी के चलते भारत समेत कई देशों में कोरोना का खतरा फिर से खड़ा हो गया है। भारत में अभी तो ऐसे हालात नहीं है, जिससे कोई खतरे वाली बात हो लेकिन पंजाब के लोगों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक खबर के अनुसार पंजाब में करीब 11 लाख लोगों को कोविड का पहला टीका ही नहीं लगा है।
  अब इसे जागरूकता का अभाव कहें या कोई अन्य कारण, लेकिन यह सच है कि पंजाब में लगभग 11 लाख लोगों ने कोविड का पहला टीका ही नहीं लगवाया है। इसके अलावा करीब 40 हजार लोग ऐसे भी हैं जो पहली खुराक तो ले चुके हैं लेकिन उन्होंने दूसरी डोज नहीं ली है। इसके साथ ही बूस्टर डोज न लेने वालों का अंकड़ा तो कहीं ज्यादा है। करीब 9 लाख लोगों को बूस्टर डोज ही नहीं लगी है।


राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र द्वारा एडवाइजरी जारी होने के बाद संक्रमित पाए जाने वाले सभी कोविड सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करवाने का निर्देश सभी स्वास्थ्य इकाइयों को दिया है। विभाग के गुरुवार तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पंजाब में अब तक 18,33,275 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई है। वहीं, 18 से 44 आयु वर्ग में कुल 1,07,12,836 का टीकाकरण हो चुका है।

  इसके आलावा 15 से 17 आयु वर्ग के 8,74,735 किशोरों को कोविड की दूसरी खुराक दी जा चुकी है। इसके अलावा 45 वर्ष से ऊपर 76,56,039 लोगों को कोरोना की दूसरी वैक्सीन लगाई जा चुकी है। हालांकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने गुरुवार को राज्य में कोविड से बचाव की तैयारियों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना की संभावित लहर को देखते हुए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड अस्पताल खोले गए हैं। राज्य में 790 लेवल टू पीडियाट्रिक बेड और 324 आईसीयू बेड मौजूद हैं। अमृतसर में एक पीडियाट्रिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस काम कर रहा है। खासकर बच्चों को कोविड से बचाने के लिए राज्य में 3518 अतिरिक्त बाल बेड मुहैया कराए गए हैं।
   ऑक्सीजन के लिए सभी एलएमयू प्लांट को सक्रिय कर दिया गया है। उन्होंने आम लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच अभी मास्क को अनिवार्य करने का फैसला नहीं किया गया है। हालांकि कोरोना गाइडलाइन्स को लेकर सरकार व स्वस्थ विभाग में मीटिंगो के दौर जारी है, जिसके चलते कभी भी कोरोना संबंधी गाइडलाइन जारी हो सकती है।

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