सुखबीर बादल ने कहा.. इस मुलाकात का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं..
टाकिंग पंजाब
कपूरथला। पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह के शनिवार सुबह सेक्टर – 9 स्थित सुखबीर बादल के घर पहुंचने पर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। इन दोनों नेताओं की इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले राणा गुरजीत सिंह के कांग्रेस छोड़ने व अकाली दल में शामिल होने की चर्चा थी। वह सुल्तानपुर लोधी विधानसभा क्षेत्र से अपने पुत्र राणा इंद्रप्रताप सिंह को कांग्रेस का टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने विधायक नवतेज सिंह चीमा को टिकट दे दिया। इसके बाद तो राणा इंदर प्रताप सिंह ने बगावत कर चुनाव लड़ा व विधायक भी बन गए। राणा गुरजीत सिंह की बादल से मुलाकात इस लिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि नए साल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पंजाब में प्रवेश करने वाली है। हालांकि सियासी माहिरों को की माने तो राणा गुरजीत सिंह अकाली दल में जाने की गलती नहीं करेंगे। उनका मानना है कि राणा एक सुलझे हुए नेता हैं व उनको पता है कि अकाली दल में भी उनका कोई खासा भविष्य नहीं है। इसका कारण यह है कि अगर पंजाब में इस समय कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है तो अकाली दल की स्थिति तो बहुत खराब है। इस लिए राणा गुरजीत सिंह कांग्रेस को छोड़ ऐसी पार्टी में नहीं जाऐंगे, जो पार्टी अब खुद पंजाब में अपना वजूद तलाश रही हो। इस लिए यह मुलाकात सियासी तो नहीं लग रही है। सियासी माहिरों का कहना है कि राणा गुरजीत सिंह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के काफी करीबी हैं। इसके चलते कांग्रेस के इस बड़े नेता का भाजपा में जाना तो हो सकता है, लेकिन अकाली दल में जाना मुमकिन नहीं है। बाकी सियासत में कुछ भी हो सकता है।