रिहाई न होने से गुस्साई सिद्धू की पत्नी ने साधा निशाना.. नवजोत सिद्धू एक खूंखार जानवर, इसी वजह से नहीं दी जा रही उन्हें आजादी
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। लंबे समय से अटकले लगाई जय रही थी कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 26 जनवरी यानि कि गणतंत्र दिवस पर जेल से रिहा हो सकते है, लेकिन सिद्धू की आज गणतंत्र दिवस पर रिहाई नहीं हो पायी है। इसके कारण उनके घर पर सिद्धू के घर पर की गई सब तैयारियां धरी की धरी रह गई है।
सिद्धू की रिहाई न होने से सिद्धू के करीबी व उनकी पत्नी काफ़ी नाराज दिखाई दे रही है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने तो केंद्र व पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मिडिया पर यहां तक कह दिया कि नवजोत सिद्धू एक खूंखार जानवर की कैटेगरी में आते हैं। इसी वजह से उन्हें आजादी के 75वें वर्ष में रिहाई की राहत नहीं दी जा रही है। सभी से गुजारिश है कि उनसे दूर रहें।”
दूसरी तरफ सिद्धू की रिहाई न होने से आज सिद्धू के खेमे ने उनकी रिहायश पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबधित करते हुए उनके खेमे के शमशेर दुल्लों ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार तो सिर्फ नाम की सरकार है, इसे चला तो कोई और रहा है।
अब आज के बाद सिद्धू की जेल रिहाई कब होती है, इसका सही दिन व समय तो अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सिद्धू समेत दूसरे कैदियों की रिहाई के लिए कैबिनेट की मीटिंग होनी थी, मगर यह मीटिंग ही नहीं हो सकी है। वहीं यह भी चर्चा है कि सिद्धू को एक साल की सजा हुई है तो उनकी ज्यादा से ज्यादा 1 महीने की सजा माफ की जा सकती है, लेकिन कानून के मुताबिक अभी सिद्दू इस दायरे में नहीं आ रहे हैं
सिद्धू की आज रिहाई न होने से सिद्धू के करीबियों को झटका लगा है। कांग्रेस की नेता शमशेर दूलो ने कहा कि आज जिन लोगों के पास पंजाब प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेवारी है उन लोगों को अहंकार में नहीं आना चाहिए। पार्टी के सभी वर्करों का दुख सुख में साथ देना चाहिए। आज जरूरत थी कि कांग्रेसी की सीनियर लीडरशिप भी यहां पहुंचती। कांग्रेस की सीनियर लीडर को यहां पहुंच कर नवजोत सिंह सिद्दू की हिमायत करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वहीं दूलो ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवत सिंह मान खुद फैसले लेने में असमर्थ हैं। वह केजरीवाल के रिमोट से चलते हैं। भगवंत मान को पंजाब के लोगों के हित में फैसले करने
चाहिए। उधर दूसरी तरफ सिद्धू की रिहाई न होने से जहाँ उनके करीबी नाराज है, वहीं अगर कुछ दिन सिद्धू की रिहाई ओर लटक गईं तो सिद्धू का श्रीनगर में राहुल गाँधी की रैली में जाना कहीं मुश्किल न हो जाये।