सत्ता पक्ष ने कहा अमृतकाल का बजट तो विपक्ष ने बजट को दिया इलेक्शन स्पीच करार
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जैसे ही लोकसभा में अपना 5वां आम बजट पेश किया, उसके बाद वह विपक्ष के निशाने पर आ गईँ। इस बजट को जहां बीजेपी ने आम जनता की उम्मीदों का बजट बताया तो वहीं विपक्ष ने इसे निराशाजनक बजट करार दिया है। हालांकि इस बजट को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत काल का पहला बजट करार दिया जो कि विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखेगा। प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि यब बजट हर वर्ग का सपना पूरा करेगा। अब अगर विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे चुनावी बजट कहा है। उनका कहना है कि यह बजट नहीं बल्कि इलेक्शन स्पीच है। बजट में महंगाई व मुद्रा स्फ़ीति के बारे में कोई बात नहीं है। गरीब, बेरोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। कांग्रेस के ही पूर्व वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम का कहना है कि यह एक संवेदनहीन बजट है, जिसने अधिकांश लोगों की आशाओं को धोखा दिया है। जीएसटी दरों में कोई कटौती नहीं की गई है। नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट विकल्प बनाना बहुत ही अनुचित है। उधर कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने इस बजट में कुछ चीजों को ठीक बताया है। उनका कहना है कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थीं व मैं इस बजट को पूरी तरह नेगेटिव नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। इस बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है कि सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है ? देश में बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई की तो बात भी नहीं की गई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि बजट में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। मैं बच्चों व किशोरों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा का भी स्वागत करती हूं। डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे व बढ़ेंगे, इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है, इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बार बजट में दिल्ली वालों से सौतेला बर्ताव किए जाने के आरोप लगाए हैं। केजरीवाल का कहना है कि पिछले साल दिल्ली वासियों ने 1.75 लाख करोड़ से जयादा इंकम टैक्स दिया था, लेकिन उसमें से सिर्फ 325 करोड़ रुपए ही दिल्ली के विकास के लिए दिए गए, जो कि दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है। इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं, उल्टा इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है। शिक्षा बजट घटाना दुर्भाग्यपूर्ण व स्वास्थ्य बजट को घटाना हानिकारक है। बजट पर पीडीेपी चीफ महबूबा मुफ्ती का कहना है कि टैक्स बढ़ाए गए है व कल्याणकारी योजनाओं व सब्सिडी पर पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है। कुछ साठगांठ वाले पूंजीपतियों व बड़े कारोबारियों के लिए टैक्स वसूला जा रहा है। जनता को टैक्स से फायदा होना चाहिए, लेकिन इससे उसकी कमर टूट रही है। जो लोग गरीबी के स्तर से ऊपर उठ गए थे, वह फिर से गरीबी के स्तर से नीचे आ गए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुसार अमृतकाल का यह पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है। इसमें समाज के हर वर्ग, खासकर मिडिल क्लास को इंकम टैक्स में राहत दी गई है। इसके साथ जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, सीनियर सिटीजन सभी को इस बजट में राहत दी गई है। यह बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है। केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं, उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए। यह कहना है बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का..। तेजस्वी यादव का कहना है कि इस बजट में किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था, क्या इस सरकार ने दिया ?
नईं दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जैसे ही लोकसभा में अपना 5वां आम बजट पेश किया, उसके बाद वह विपक्ष के निशाने पर आ गईँ। इस बजट को जहां बीजेपी ने आम जनता की उम्मीदों का बजट बताया तो वहीं विपक्ष ने इसे निराशाजनक बजट करार दिया है। हालांकि इस बजट को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत काल का पहला बजट करार दिया जो कि विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखेगा। प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि यब बजट हर वर्ग का सपना पूरा करेगा। अब अगर विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे चुनावी बजट कहा है। उनका कहना है कि यह बजट नहीं बल्कि इलेक्शन स्पीच है। बजट में महंगाई व मुद्रा स्फ़ीति के बारे में कोई बात नहीं है। गरीब, बेरोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। कांग्रेस के ही पूर्व वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम का कहना है कि यह एक संवेदनहीन बजट है, जिसने अधिकांश लोगों की आशाओं को धोखा दिया है। जीएसटी दरों में कोई कटौती नहीं की गई है। नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट विकल्प बनाना बहुत ही अनुचित है। उधर कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने इस बजट में कुछ चीजों को ठीक बताया है। उनका कहना है कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थीं व मैं इस बजट को पूरी तरह नेगेटिव नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। इस बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है कि सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है ? देश में बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई की तो बात भी नहीं की गई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि बजट में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। मैं बच्चों व किशोरों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा का भी स्वागत करती हूं। डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे व बढ़ेंगे, इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है, इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बार बजट में दिल्ली वालों से सौतेला बर्ताव किए जाने के आरोप लगाए हैं। केजरीवाल का कहना है कि पिछले साल दिल्ली वासियों ने 1.75 लाख करोड़ से जयादा इंकम टैक्स दिया था, लेकिन उसमें से सिर्फ 325 करोड़ रुपए ही दिल्ली के विकास के लिए दिए गए, जो कि दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है। इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं, उल्टा इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है। शिक्षा बजट घटाना दुर्भाग्यपूर्ण व स्वास्थ्य बजट को घटाना हानिकारक है। बजट पर पीडीेपी चीफ महबूबा मुफ्ती का कहना है कि टैक्स बढ़ाए गए है व कल्याणकारी योजनाओं व सब्सिडी पर पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है। कुछ साठगांठ वाले पूंजीपतियों व बड़े कारोबारियों के लिए टैक्स वसूला जा रहा है। जनता को टैक्स से फायदा होना चाहिए, लेकिन इससे उसकी कमर टूट रही है। जो लोग गरीबी के स्तर से ऊपर उठ गए थे, वह फिर से गरीबी के स्तर से नीचे आ गए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुसार अमृतकाल का यह पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है। इसमें समाज के हर वर्ग, खासकर मिडिल क्लास को इंकम टैक्स में राहत दी गई है। इसके साथ जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, सीनियर सिटीजन सभी को इस बजट में राहत दी गई है। यह बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है। केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं, उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए। यह कहना है बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का..। तेजस्वी यादव का कहना है कि इस बजट में किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था, क्या इस सरकार ने दिया ?