विपक्षी दलों ने संसद में सरकार को दी अडाणी समूह पर बहस की चुनौती..हंगामे के बीच संसद मंगलवार तक स्थागित
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। हम चाहते हैं कि सरकार अडाणी समूह पर संसद में बहस करे लेकिन सरकार डरी हुई है व मोदी जी पूरी कोशिश करेंगे कि अडाणी पर संसद में बहस न हो सके। मैं 2-3 साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं, लेकिन सरकार मौन है। आखिर अडाणी के पीछे कौन सी शक्ति है, यह सामने आना चाहिए। यह बाते आज सदन की कार्यवाही के दौरान जमकर हुए हंगामे के बाद राहुल गांधी ने कहीं। संसद के दोनों सदनों में अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर काफी हंगामा हुआ। लोकसभा व राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने अडाणी मामले में चर्चा की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। दोनों सदनों के स्पीकर्स ने सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद कार्यवाही को मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने नई याचिका दाखिल कर रिटायर्ड जज की अगुआई में अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच कराने की मांग की गई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडाणी ग्रुप के शेयरों में भी लगातार गिरावट देखी जा रही है। जब से 24 जनवरी को यह रिपोर्ट आई है, उसके बाद से अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर इन 13 दिन में करीब 55 प्रतिशत टूट चुके हैं। कंपनी के शेयर्स में सोमवार सुबह 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि बाद में शेयर में रिकवरी दिखी व यह केवल 2प्रतिशत गिरकर 1554 रुपए पर बंद हुआ।
उधर अडानी ग्रुप इनवेस्टर्स का भरोसा बढ़ाने की हर संभव कोशिश में जुटा है। इसी कड़ी में अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट के बीच प्रमोटर ने कॉलेटरल के रूप में शेयरों के बदले लिए गए 1.11 बिलियन डॉलर (8300 करोड़ रुपए) के लोन का प्री पेमेंट करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। इन शेयरों की मैच्योरिटी सितंबर 2024 को पूरी हो रही थी। ग्रुप ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि प्री पेमेंट के लिए, अडानी पोर्ट और एसईजेड, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी में शेयर गिरवी रखे गए थे। जिनका प्री पेमेंट समय ये पहले किया जा रहा है।