तुर्की, सीरिया, लेबनान व इजराइल में आया जोरदार भूकंप..ताश के पत्तों की तरह गिर गईं बड़ी बड़ी बिल्डिंगे
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। तुर्की, सीरिया, लेबनान व इजराइल इन चार देशों में आज कुदरत का कहर देखने को मिला है। इन 4 देशों में आए जोरदार भूकंप ने सभी कुछ तहत नहस कर दिया है। एक खबर के अनुसार तुर्किये के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोग ने जानकारी दी है कि देश में अब तक 912 लोगों की जान जा चुकी है व 5385 लोगों के घायल होने की खबर है। इसके अलावा सीरिया में 560 लोगों के मारे जाने व 639 लोगों के जख्मी होने की खबर हैं। दोनों देशों में मरने वालों की कुल संख्या 1400 से ज्यादा हो गई है। हालांकि लेबनान व इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन वहां ज्यादा नुकसान की खबर नहीं है। सूत्रों की माने तो भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था जो कि सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। यूएसजीेस के मुताबिक 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 78 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए व इन सब की तीव्रता 4 से 6 के बीच रही। पहले भूकंप के बाद आए 7 झटकों की तीव्रता तो 5 से ज्यादा थी। लोकल समय के मुताबिक ये भूकंप सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया व 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद यानी 4 बजकर 28 मिनट पर आया। इसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। इसके 19 मिनट बाद यानी 4:47 बजे 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं। भारत सरकार की तरफ से मदद के लिए राहत सामग्री के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा इजराइल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं। रूस ने भी तुर्किये व सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। उधर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे का कहना है कि आंकड़ों के मुताबिक तुर्किये में मरने वालों की संख्या एक हजार हो गई है, लेकिन यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है। उसका तर्क है कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था तो तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।