जम्मू व कश्मीर में चुनाव का रास्ता साफ.. परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका एससी में खारिज

आज की ताजा खबर देश
सुप्रीम कोर्ट ने परिसीमन व विधानसभा सीटों के बदलाव की प्रक्रिया को ठहराया वैध 
टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में नए परिसीमन के तहत चुनावों का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने परिसीमन व विधानसभा सीटों के बदलाव की प्रक्रिया को वैध ठहराया है। जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। बैंच ने कहा कि केन्द्र सरकार को डिलीमिटेशन कमीशन बनाने का अधिकार है व इस मामले में केंद्र सरकार ने अपने अधिकारों का उचित प्रयोग किया है।

  उधर जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. परिसीमन आयोग ने जम्मू में 6 और कश्मीर घाटी में 1 सीट बढ़ाने की सिफारिश की है. अगर ऐसा हो जाता है तो जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीट हो जाएंगी. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के लिए गठित परिसीमन आयोग ने अपनी सिफारिश की है. इसके साथ ही 9 सीटें अनुसूचित जनजाति और 6 अनुसूचित जाति 9 के लिए रखने का प्रस्ताव दिया है. दरअसल जम्मू-कश्मीर में पहले 87 विधानसभा सीट होती थी, जिसमें से 4 सीट लद्दाख में थी।
   इसका कारण यह है कि लद्दाख अब बिना विधानसभा वाला अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, इसलिए वहां कोई सीट नहीं होगी। इस तरह से जम्मू-कश्मीर में अब 83 सीट बचीं हैं। आयोग ने 7 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, अगर सीटें बढ़तीं हैं तो 90 सीटें हो जाएंगे। इनमें से 43 सीटें जम्मू में और 47 सीटें कश्मीर घाटी में होंगी एक दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन व विधानसभा सीटों के बदलाव के खिलाफ दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
    यह याचिका जम्मू-कश्मीर के निवासी हाजी अब्दुल गनी खान व डॉ. मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा दायर की गई है। श्रीनगर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान व मोहम्मद अयूब मट्टू की याचिकाओं में कहा गया है कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।  याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि लोकसभा में जब पूछा गया कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत सीटें कब बढ़ाई जाएंगी, तो केन्द्र सरकार के मंत्री ने जवाब दिया था कि 2026 तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि वह इस मामले कुछ और दस्तावेज दाखिल करना चाहती है।   सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की इजाजत दी थी।  30 अगस्त 2022 को जम्मू-कश्मीर के चुनाव क्षेत्रों के प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में जारी की गई अधिसूचना को अब चुनौती देने के लिए याचिकाकर्ता से कहा था कि आप दो साल से अब तक कहां सो रहे थे ? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर केंद्र व जम्मू कश्मीर प्रशासन व निर्वाचन आयोग से छह हफ्ते में जवाब तलब किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *