बीबीसी के दफतरों में आईटी की रेड के बाद आमने सामने हुआ पक्ष व विपक्ष

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भाजपा बोली, अब किसी के पिंजरे का तोता नहीं हैं भारत की जांच एंजेसिंया..विपक्ष बोला,  बीबीसी पर छापामारी ‘वैचारिक आपातकाल’ 

संवाद न्यूज एजेंसी
नईं दिल्ली। बीबीसी के दिल्ली व मुंबई स्थित दफ्तरों में इंकम टैक्स की टीमों के पहुंचने पर राजनीति शुरू हो गई है। आयकर विभाग का सर्वे अभी चल रहा है व कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौरा शुरू हो गया है। भाजपा का कहना है कि देश संविधान व नियमों से चलता है। आयकर विभाग नियमों के मुताबिक ही कार्रवाई कर रही है। विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। भाजपा प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने कहा कि भारत के बढ़ते कदमों से कुछ संस्‍थाएं परेशान हैं। बीबीसी के कृत्‍य देखें, तो यह पूरे विश्‍व की सबसे भ्रष्‍ट संस्‍था हो गई है।      गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस का एजेंडा व बीबीसी का प्रोपगेंडा एक साथ चल रहा है। बीबीसी का इतिहास भारत को कलंकित करने का रहा है। विपक्ष यह भूल गया है कि एक समय इंदिरा गांधी ने बीबीसी पर प्रतिबंध लगाया था। बीबीसी ने महात्‍मा गांधी पर भी प्रतिकूल टिप्‍पणी की थी। उन्होंने कहा कि दरअसल, भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन यह रफ्तार कुछ संस्‍थाओं को पसंद नहीं आ रही है। सभी को भारत में नियमों के अनुसार ही काम करना पड़ेगा। गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब भारत की जांच एंजेसिंया किसी पिंजरे का तोता नहीं है। यह स्‍वतंत्र रूप से लगातार अपना काम कर रही हैं।   गौरव भाटिया ने कहा कि भारत में काम कर रहा कोई भी मीडिया संस्‍थान हो, उसे भारत के कानून को मानना पड़ेगा। आयकर विभाग को अपना काम करने देना चाहिए, ताकि दूध का दूध व पानी का पानी हो सके। फिर अभी जांच चल रही है, इस बीच ही कांग्रेस आरोप लगा रही है। सर्वे पूरा होने का इंतजार तो कांग्रेस को करना चाहिए था। उधर इस कार्रवाई पर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बचपन से अब तक हमारे लिए हिंदुस्तान में इंटरनेशनल खबरों का पर्याय है तो वो बीबीसी है। केंद्र सरकार आज न्यूनतम लोक लाज भी त्याग चुकी है और अंतराष्ट्रीय जगत में हास्य का पर्याय बनी है।      इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि बीबीसी पर छापे की ख़बर ‘वैचारिक आपातकाल’ की घोषणा है। एक ओर अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा, शासन-प्रशासन जब अभय एवं निर्भय की जगह भय और उत्पीड़न के प्रतीक बन जाएं तो समझ लेना चाहिए उनका अंत निकट है। बीबीसी के दफ्तरों में इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई को लेकर संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘ बीबीसी के दफ्तरों में छापों के समय पर गौर करना चाहिए। भारत तेजी से अपनी लोकतांत्रिक छवि खो रहा है। भारत का लोकतंत्र खतरे में है।  न्यायपालिका और पत्रकारिता अंतिम जीवित गढ़ हैं। हम भारतीय लोकतंत्र के लिए अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे ! जय हिंद!”

 

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