पंजाब के सीएम ने थपथपाई सरकार की पीठ तो विपक्ष बोला, उपचुनावों के चलते उठाया गया कदम
टाकिंग पंजाब
बठिंडा। आम आदमी पार्टी के बठिंडा रूरल से विधायक अमित रतन कोटफता के पीए को 4 लाख की रिश्वत लेने के मामले में विजिलेंस ने विधायक को गिरफ्तार किया था। विधायक अमित रतन को विजिलेंस ने माननीय कोर्ट में पेश किया जहां पर माननीय कोर्ट ने विधायक को 27 फरवरी तक विजिलेंस रिमांड में भेज दिया है। कोर्ट के इस फैसले से विधायक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। विधायक के लिए मुश्किल भरा समय इस लिए भी है क्योंकि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने खुद इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि रिश्वतखोरी चाहे किसी ने, किसी भी तरीके से की हो, बर्दाश्त नहीं की जाऐगी..पंजाब की जनता का विश्वास, प्यार व उम्मीदें मेरा होंसला बुलंद रखती हैं.. लोगों के टैक्स के पैसे खाने वालों पर कोई रहम या तरस नहीं, कानून सभी के लिए बराबर। हालांकि पंजाब सरकार की इस मामले में सख्ती को विपक्षी पार्टीयां जालंधर में होने वाले लोकसभा के उप चुनावों से जोड़कर देख रही हैं। इस मामले में भाजपा के पंजाब प्रधान अश्विनी शर्मा का कहवा है कि यह सरकार एक भ्रष्टाचारियों की सरकार है। जिस दिन विजिलेंस विभाग ने यह रेड की थी, उसी दिन से ही साफ था कि विधायक भी इस मामले में है। यह मामला जब सोशल मीडिया पर गरमाने लगा तो मजबूरन आम आदमी पार्टी की सरकार को यह कार्रवाई करनी पड़ी। गिरफ्तारी तो हुई है, लेकिन लगता नहीं इनकी सरकार अपने विधायक को जेल जाने देगी। पंजाब में आप की सरकार बनने के कुछ ही देर बाद इनके हेल्थ मिनिस्टर पर भी भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ था लेकिन जब संगरूर के उपचुनाव खत्म हुए तब उस मामले को भी ठंडा बसते में डाल दिया गया। अश्वनी शर्मा ने कहा कि यह सब जालंधर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव को लेकर किया जा रहा है, ताकि लोगों को दिखाया जा सके कि हम किसी भी भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे। यह ही कारण है कि विधायक पर मामला दर्ज किया गया है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक्शन बहुत छोटा लेकिन बहुत लेट है। इस भ्रष्ट विधायक को पिछले हफ्ते रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। “कट्टार बेईमान पार्टी” ने उन्हें या विजय सिंगला और फौजा सारारी जैसे अन्य भ्रष्टाचारियों को बर्खास्त नहीं किया है। अकाली दल की मांग है कि इन सभी को विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाए। कांग्रेसी विधायक और अपोजीशन लीडर प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि भ्रष्ट आप विधायक अमित रतन कोटफट्टा की गिरफ्तारी से हमारी पार्टी का स्टैंड सही साबित हुआ है। एक साल से भी कम समय में यह तीसरा आप विधायक है, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। क्या यह बदलाव का मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल का पंजाब के लोगों से वादा है।