दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आज कोर्ट में पेश करेगी सीबीआई

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दोपहर 2 बजे के बाद किया जाऐगा राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश.. आप का देश भर में प्रर्दशन जारी

टाकिंग पंजाब

नईं दिल्ली। शराब नीति केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई आज कोर्ट में पेश करेगी। मनीष सिसोदिया सीबीआई के दफ्तर में हैं व आज दोपहर 2 बजे के बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था को बिगड़ने से रोकने के ​लिए सिसोदिया की पेशी वर्चुअल की जा सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है।    माना जा रहा है कि मनीष सिसोदिया पर कार्रवाई का कारण यह रहा है कि सिसोदिया डिजिटल साक्ष्यों व गवाहों के बयान पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने जांच एजेंसी के अधिकांश सवालों के जवाब को टालने की कोशिश की व दक्षिण लावी ने 100 करोड़ रुपये का एडवांस क्यों दिया, इसका भी जवाब नहीं दे पाए। इसके अलावा सीबीआई ने पूछा कि आने से पहले ही नई आबकारी नीति शराब कंपनियों के पास कैसे पहुंच गई। सीबीआई का मानना है कि छापेमारी से पहले ही अन्य आरोपियों के साथ सिसोदिया ने भी मोबाइल नष्ट कर दिए।    इसके अलावा पूछताछ दौरान सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के बयान का भी वह खंडन नहीं कर सके। आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया को आईपीसी की धारा 120बी यानि कि आपराधिक साजिश, 477ए यानि खातों में फर्जीवाड़े के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 यानि भ्रष्ट या गैरकानूनी माध्यमों या निजी प्रभाव का इस्तेमाल कर अनुचित लाभ लेना समेत विभिन्न धाराओं में गिरफ्तारी की गई है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल बोले, “सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई के पास सबूत नहीं थे। कई अफसर उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ थे। सिसोदिया को राजनीतिक दबाव में गिरफ्तार किया गया है।
क्या भाजपा में सारे संत है  ? 

सिसोदिया पर सीबीआई की कार्रवाई पर शिवसेना नेता संजय राउत का बयान भी आया है। संजय राउत का कहना है कि सिसोदिया पर हुई कार्रवाई बताती है कि केंद्र सरकार विपक्ष का मुंह बंद करवाना चाहती है व हम सिसोदिया जी के साथ हैं। महाराष्ट्र हो, झारखंड हो, दिल्ली हो, केंद्र सीबीआई व ईडी का इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं को जेल भेज रही है या उन्हें समर्पण पर मजबूर कर रही है। इसमें चाहे वो सिसोदिया हों, नवाब मलिक हों, अनिल देशमुख हों या फिर मैं। क्या भाजपा में सारे संत हैं ?

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