मनीष सिसोदिया केस में दोनों पक्षों के वकीलों ने रखी अपनी दलीलें.. 17 मार्च तक रिमांड में भेजे गए सिसोदिया

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सिसोदिया की जमानत याचिका पर 21 मार्च को होगी सुनवाई.. सिसोदिया के वकील बोले, हमने सुना, हमने सुना किए जा रही है ईडी

टाकिंग पंजाब

नईं दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को गुरुवार देर शाम तिहाड़ जेल में ही गिरफ्तार करने के बाद उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में ईडी को मनीष सिसोदिया का 7 दिन का रिमांड मिल गया है। कोर्ट ने ईडी को मनीष सिसोदिया की 7 दिन यानि कि 17 मार्च तक की रिमांड दे दी है। कोर्ट अब सिसोदिया की जमानत याचिका पर 21 मार्च, दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी। इस सुनवाई दौरान कोर्ट में ईडी का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जोहेब हुसैन ने दावा किया कि शराब नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी।    इसके नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत लाभ पहुंचाया गया। एजेंसी ने कहा कि शराब नीति केस में 7 और लोगों को नोटिस भेजा है, ताकि उन्हें सिसोदिया के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सके। ईडी के वकील जोहैब हुसैन ने कहा कि सिसोदिया के सहायक विजय नायर इस पूरी साजिश को कोऑर्डिनेट कर रहा था व इस घोटाले में सरकारी तंत्र, बिचौलिए व कई अन्य लोग शामिल हैं। वकील ने कहा कि दक्षिण के ग्रुप ने आप नेताओं को 100 करोड़ की घूस दी। एक ग्रुप बनाया गया ताकि दिल्ली में 30 प्रतिशत शराब कारोबार को चलाया जा सके। ईडी के वकील ने कहा कि एक साल में 14 फोन इस्तेमाल किए गए व इन्हें तोड़ दिया गया। सिम कार्ड भी सिसोदिया के नाम पर नहीं था ताकि बाद में वो अपने बचाव में इस बात को इस्तेमाल कर सकें।     ईडी के वकील की दलीलों पर मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कहा कि ईडी कह रही है कि यह पॉलिसी गलत है। एक चुनी हुई सरकार ने यह पॉलिसी बनाई है। यह पॉलिसी कई परतों से गुजरती है, जिसमें यह सरकार के पास जाती है, अफसरों के पास जाती है, फाइनेंस व लॉ सेक्रेटरी के पास जाती है व यह पॉलिसी उप-राज्यपाल के पास भी जाती है। यह शराब नीति उप-राज्यपाल के पास गई, उप राज्यपाल, यानी केंद्र सरकार। उन्होंने 3 बातें पूछी थीं, लेकिन इनमें से एक भी प्रॉफिट मार्जिन या एलिजिबिलिटी से जुड़ी हुई नहीं थी। ईडी जल्दबाजी के बारे में बात कर रही है तो मैं जल्दबाजी के ऐसे बहुत सारे उदाहरण दे सकता हूं। नोटबंदी की गई और इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक करार दिया।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी कह रही है कि विजय नायर सिसोदिया की ओर से काम कर रहे थे, जबकि ईडी अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं ढूंढ पाई है, जिसमें सिसोदिया को एक भी रुपया भेजा गया हो। अभी तक वो ऐसा क्यों नहीं कर पाए हैं ? दस्तावेज देख लीजिए, सब जगह ईडी कह रही है, हमने सुना, हमने सुना। इस दौरान सिसोदिया के दूसरे वकील मोहित माथुर ने कहा कि इन दिनों यह फैशन बन गया है कि जांच एजेंसी अपने अधिकार समझ कर लोगों को अरेस्ट कर रही हैं। समय आ गया है, कोर्ट को ऐसे मामलों में सख्ती से पेश आना चाहिए।

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