पंजाब में बढ़ी इंटरनेट पर पाबंदी की मियाद.. छोटे व्यावसाय से लेकर सिविगी, जमैटों तक का कारोबर ठप्प

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अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर बताया जा रहा है भाई अमृतपाल सिंह.. पुलिस का तालाशी अभियान जारी

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चंढीगड़। वारिस ए पंजाब के प्रमुख भाई अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस अभी भी पूरी शिद्दत से ढूढंने की कोशिश में लगी है, लेकिन पुलिस के मुताबिक उसका अभी कुछ पता नहीं चला है। उधर किसी भी तरह की अफवाहों को फैंलने से रोकने के लिए पंजाब सरकार ने पंजाब में मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं अब 20 मार्च तक बंद कर दी हैं। इसके चलते पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट की सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।    इंटरनेट सेवाएं बंद होने से काफी हद तक छोटे कारोबार से लेकर बड़े व्यवसायों को इसका फर्क पड़ा है। आज के समय में हर कार्य इंटरनेट के जरिए हो रहा है, चाहे वह सोशल मीडिया के जरिए अपना सामान बेचने वाले छोटे दुकानदार हों या फिर मल्टीनैशनल कंपनियां हो। इंटरनेट के जरिए अपना सामान बेच अपना धंधा चलाने वाले छोटे दुकानदारों से लेकर बड़ी सिविगी व जमैटो जैसी कंपनियों का कारोबार भी ठप्प होकर रहा गया है, जिससे भारी नुक्सान हो रहा है। इन कंपनियों की सेवाएं बंद होने से लोगों का खाने-पीने व अ​न्य जरूरी सामान घर तक पहुंचा बंद हो गया है।       दरअसल इंटकनेट बंद करने का फैंसला इस लिए किया गया है कि अमृतपाल सिंह व उसके समर्थकों पर हो रही कार्रवाई के बाद पंजाब में माहौल तनावपूर्ण है। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए पंजाब में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। पहले यह पाबंदी 24 घंटे के लिए लगाई गई थी, जिसे बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है। राज्य में इंटरनेट सेवाएं बढ़ाकर 20 मार्च 12 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं। उधर एडीजीपी लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।एडीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है व राज्य के अलग-अलग जिलों में विशेषरूप से नाकेबंदी की गई है।     इसका उद्देश्य नागरिकों को परेशान करना नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। आपको बता दें कि देर रात्रि तक पुलिस ने जालंधर से लगभग 33 किलोमीटर दूर सरींह गांव में अमृतपाल की घेराबंदी कर दी है। सूत्रों के अनुसार पुलिस द्वारा पीछा करने पर अमृतपाल अपनी गाड़ी छोड़ आटो से गांव सरींह पहुंचा। अजनाला थाने पर हमले के मामले में पुलिस ने 24 फरवरी को अमृतपाल सहित ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की है।

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