विपक्ष बोला, इससे पहले भी आप सरकार भृष्टाचार के खिलाफ कर चुकी हैं कई एक्श्न, लेकिन नतीजा रहा जीरों
टाकिंग पंजाब
जालंधर। पंजाब की आप सरकार अपनी छवि को भृष्टाचार विरोधी दिखाने की कोशिश में जुटी है। पंजाब में फैले भृष्टाचार पर एक्श्न लेते हुए सरकार ने अपने ही कई नेताओं पर शिंकजा कसा। ताजा घटनाक्रम में विजिलेंस ब्यूरो ने जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया। इस केस में विजिलेंस की टीम पूरी सख्ती के साथ आगे बढ रही है व विजिलेंस ने विधायक रमन अरोड़ा का कोर्ट से रिमांड हासिल करके आगे की पूछताछ भी शुरू कर दी है। इस केस में विजिलेंस की टीम विधायक रमन अरोड़ा से लेकर उनके समधि, उनके रिश्तेदारों, सगे संबधियों व समर्थकों के भी रिकार्ड चैक करने में जुट गई है।
विधायक की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपना रही है व कोई अपना हो या बेगाना, बख्शा नहीं जाऐगा। इस बार बेशक पंजाब सरकार भृष्टाचार के मामले में शायद कुछ बड़ा एक्शन ले सकती है, लेकिन इस मामले में भी विपक्ष के नेता इस कार्रवाई को राजनीतिक स्टंट मान रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है, तभी से लेकर आज तक उन्होंने भृष्टाचारी नेता तो पकड़े लेकिन कार्रवाई किसी पर भी नहीं की है। विपक्ष नेताओं का कहना है कि यह अंगुली कटवा कर शहीद दिखने की कोशिश है।
इस बारे में आप के फाऊंडर सदस्य रहे व मौजूदा कांग्रेसी नेता डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि पंजाब में ‘आप’ की राजनीति में यह पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले 24 मई, 2022 को जब आप सरकार सत्ता में नई-नई आई ही थी तो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने ही स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को रिश्वत मामने के आरोप में गिरफ्तार करवा दिया था, लेकिन आज तक विजय सिंगला पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई ओर वह पार्टी की बैठकों में शामिल होते रहे हैं। इसी तरह बठिंडा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से आप विधायक अमित रत्न कोटफत्ता पर भी 25 लाख रुपए की ग्रांट में 5 लाख रुपए कमीशन मांगने के आरोप लगे थे। इसकी जांच भी पूरी नहीं हो सकी है।
इसके अलावा आप के अमरगढ़ के विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा पर बैंक से चालीस करोड़ रुपए का गबन करने धनशोधन करने का आरोप है। वह अभी जमानत पर बाहर हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या अब सैंट्रल हल्के से अपने विधायक के खिलाफ सरकार कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाऐगी या फिर यह भी उसका एक राजनीतिक स्टंट ही साबित होगा। हालांकि इस विधायक के खिलाफ तो कईं पुख्ता सबूत सरकार व विजीलेंस के हाथ लगें हैं व इस बार भी अगर आप सरकार अपने वियिक खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो पूरे पंजाब की जनता को लगेगा कि सरकार की करनी व कथनी में अंतर है।