लगातार बारिश से सतलुज हुआ ओवरफ्लो.. खतरे के निशान से मात्र 3 फीट नीचे चल रहा भाखड़ा

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12 जगह पर धंसी भाखड़ा नहर, पंजाब के तीनों डैम पर स्थिति गभीर.. सीएम ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग

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चंड़ीगढ। पंजाब में हो रही लगातार बारिश से हालात बिगड़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1312 गांव प्रभावित हो चुके हैं। इस बारिश के कारण पंजाब के 12 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इनमें अमृतसर, गुरदासपुर, मोगा, पठानकोट, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर, पटियाला, मोहाली, कपूरथला, जालंधर और लुधियाना शामिल हैं। एक तरफ जहां भाखड़ा डैम खतरे के निशाीन से मात्र 3 फिट ही नीचे चल रहा है, वहीं फिल्लौर में सतलुज का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।  इसके चलते जालंधर के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। फिल्लौर में सतलुज का जलस्तर बढ़ने से श्री शनि मंदिर में 2 फीट तक पानी घुस चुका है। जिला प्रशासन के अधिकारी सतलुज दरिया के पास मौजूद हैं। उधर रूपनगर के श्री आनंदपुर साहिब क्षेत्र में नंगल भाखड़ा फीडर नहर 12 जगह से धंस गई है। इस कारण सड़क पर पानी आ गया। मंत्री हरजोत बैंस ने खुद मौके पर पहुंचकर लोगों के साथ राहत बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बारिश के कारण सोमवार रात अमृतसर में करीब 100 साल पुरानी इमारत ढह गई, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। हादसे के दौरान घर के पास से गुजर रहा व्यक्ति बाल-बाल बच गया।  हालांकि, हादसे में घर के सामने खड़ी एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात की और केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इतनी बड़ी तबाही को देखते हुए सरकार को मिशन मोड में काम करना चाहिए, ताकि किसानों, मजदूरों, पशुपालकों और आम लोगों को तुरंत मदद मिल सके। हालात का देखते हुए सीएम भगवंत मान आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाईलेवल मीटिंग लेंगे। इसमें बाढ़ प्रबंधन को लेकर फैसले लिए जाएंगे। अब अगर पंजाब में डैमों की स्तिथि की बात करे तो भाखड़ा डैम का जलस्तर मंगलवार सुबह 6 बजे 1676.72 फीट दर्ज किया गया।  डैम में पानी की आवक 1,07,565 क्यूसेक है, जबकि पानी का निकास 56,009 क्यूसेक है। वर्तमान में, डैम में पानी का स्तर खतरे के निशान से लगभग 3 फीट कम है। डैम में जितना पानी आ रहा है, उसका लगभग आधा ही बाहर छोड़ा जा रहा है, जिससे डैम में लगातार पानी का दबाव बढ़ रहा है। इसके अलावा पोंग डैम पर भी सुबह 6 बजे जलस्तर 1390.63 फीट दर्ज किया गया। डैम में पानी की आवक 96,777 क्यूसेक है, जबकि पानी का निकास 95,836 क्यूसेक है। जलस्तर 1390 फीट से अधिक है। जलस्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए जितना पानी आ रहा है, लगभग उतना ही पानी छोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही रणजीत सागर डैम तो पिछले सप्ताह खतरे के निशान को पार कर चुका था और अभी भी गंभीर स्थिति में है।

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