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मुख्यमंत्री भगवंत मान की बिगड़ी तबीयत.. आप सुप्रीमो केजरीवाल के साथ लेने वाले थे बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ। पिछले कुछ दिनों से लगातार चल रही बारिश के बाद गुरूवार को थोड़ी राहत मिली। गुरूवार को बारिश न के बारबर होने पर जहां पंजाब के लोगों ने राहत की सांस ली है, वहीं पंजाब में बाढ़ से हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर के कई गांवों में रावी व सतलुज का पानी उफान पर है। अमृतसर के 140 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं, लुधियाना में सतलुज ने ससराली बांध का कुछ हिस्सा तोड़ दिया। इसके बाद सेना ने मोर्चा संभाला है। सतलुज ने फिरोजपुर के पल्ला मेघा गांव के पास सीमापार पाकिस्तान के गांव और पुलिस चौकी को डुबो दिया है। यहां तटबंध टूटने का भी खतरा बना हुआ है। इसी बीच पता चला है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की तबीयत बिगड़ गई है। आज वह आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने वाले थे। इधर, राज्य में बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही 3 हफ्तों में रिपोर्ट तलब की है। चीफ जस्टिस ने कहा है कि हमने ऐसी बारिश और बाढ़ पहले नहीं देखी। राज्य के हालात जानने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पंजाब पहुंच गए हैं। वह बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा ले रहे हैं और किसानों से बात कर रहे हैं। पंजाब में बाढ़ की मौजूदा स्थिति की बात करें तो 23 जिलों में बाढ़ का असर हुआ है। अमृतसर से लेकर तरनतारन तक कुल 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, नवांशहर, मोहाली, संगरूर और मुक्तसर शामिल हैं। राज्य के 1655 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। अमृतसर के 390, गुरदासपुर के 324, बरनाला के 37, बठिंडा के 13, फिरोजपुर के 111, होशियारपुर के 121, कपूरथला के 178, लुधियाना के 216 और मानसा के 114 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसके अलावा पटियाला में 29, रूपनगर में 3 और तरनतारन में 70 गांव पानी में घिरे हुए हैं। इस बाढ के कारण कुल 3,55,709 से अधिक लोग अब तक प्रभावित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा असर अमृतसर में (1,75,734), गुरदासपुर में (1,45,006) व फाजिल्का में (21,526) में देखने को मिला है। इसके अलावा फिरोजपुर, कपूरथला, मोगा, संगरूर और मोहाली में भी हजारों लोग संकट में हैं। अब तक 12 जिलों में 37 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें अमृतसर (4), बरनाला (5), बठिंडा (3), होशियारपुर (7), जालंधर (9), कपूरथला (3), पठानकोट (5) और संगरूर (1) शामिल हैं। पठानकोट जिले से 3 लोग लापता हैं। वहीं, पशुधन हानि का सटीक आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन बड़ी संख्या में पशु बाढ़ की चपेट में आए हैं। बाढ से बने हालात से कुल 19,474 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। इनमें अमृतसर से 2734, बरनाला से 389, बठिंडा से 290, होशियारपुर से 3451, कपूरथला से 5615, जालंधर से 1428, मोगा से 195, रूपनगर से 615, पठानकोट से 1139 व तरनतारन से 1234 लोग शामिल हैं। राज्यभर में 167 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मोगा, मोहाली, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, संगरूर और एसएएस नगर शामिल हैं। इन शिविरों में 1557 लोग रह रहे हैं। अमृतसर में 381, बरनाला में 390, फरीदकोट में 796, कपूरथला में 57, मानसा में 15, मोगा में 3, तरनतारन में 10 और पठानकोट में 47 लोग ठहरे हुए हैं। सरकार ने कहा है कि नुकसान का वास्तविक आकलन पानी उतरने के बाद ही संभव होगा, लेकिन अभी तक जनहानि, पशुधन और मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। पंजाब में बाढ़ से अब तक 1,75,286 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान मानसा (26,027 हेक्टेयर), फिरोजपुर (17,786 हेक्टेयर), गुरदासपुर (14,071 हेक्टेयर), जालंधर (10,311 हेक्टेयर) और लुधियाना (8,230 हेक्टेयर) जिलों में हुआ है।