खाप महापंचायत ने बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई के लिए सरकार को दे रखा है 20 मई तक का अल्टीमेटम..
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। जंतर मंतर पर चल रहा पहलवानों का धरना अब किसानी अंदोलन का रूप ले चुका है। पहलवानों के हक में उतरे किसान संगठनों ने आज जमकर हंगामा किया। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में पहलवानों के धरने में आज जब किसानों का बड़ा जत्था जंतर-मंतर पर पहुंचा तो धरना स्थल से कुछ दूरी पर पुलिस ने हैवी बैरिकेडिंग की हुई थी। किसानों ने इन बैरिकेडिंग को तोड़ डाला व पहलवानों के धरने में पहुंच गए व किसानों ने खिलाड़ियों से मुलाकात की।
हंगामें की खबरों के बीच दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के एक ग्रुप को जंतर-मंतर ले जाया गया। वह धरना स्थल पर पहुंचने की जल्दी में थे, उनमें से कुछ बैरिकेड्स पर चढ़ गए। इससे बैरिकेड नीचे गिर गए व फिर किसानों ने उन्हें हटा दिया। दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल की फोटो शेयर करते हुए कहा कि किसानों और पहलवानों की मीटिंग शांतिपूर्वक चल रही है। आपको बता दें कि रविवार को जंतर-मंतर पर हुई हरियाणा, पश्चिमी यूपी व राजस्थान के खाप नेताओं की महापंचायत में रेसलर्स के धरने का समर्थन किया गया था। इस महापंचायत में पंजाब के किसान संगठन भी शामिल हुए। खाप महापंचायत में बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई के लिए सरकार को 20 मई तक का अल्टीमेटम दिया गया।
ऐसा न होने पर 21 मई को दोबारा महापंचायत बुलाकर बड़ा फैसला लिया जाएगा। पहलवानों को 4 महिला संगठनों अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ, भारतीय महिला राष्ट्रीय संघ, अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन और अखिल भारतीय अग्रगामी महिला संगठन ने भी समर्थन दिया है। उधर हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि उनकी गत दिवस देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत हुई थी। उन्होंने उनसे आग्रह किया है कि धरने पर जो बेटियां बैठी हैं, वह हमारे हरियाणा का गौरव हैं। उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले, जिस पर खेल मंत्री ने उन्हें न्याय दिए जाने का आश्वासन दिया है।
आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर दो एफआईआर भी दर्ज कर ली हैं, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। विरोधी पार्टीयां केंद्र सरकार पर बृजभूषण शरण सिंह को बचाने के आरोप लगा रही हैं, लेकिन इस मामले में केंद्र सरकार का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। केंद्र सरकार के इस रवेये से दुखी होकर पहलवान अपने मैडल तक वापस करने की बात कह चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।