लोगों का हुआ बिजली बिल माफ तो जनता ने कहा.. पहले आप पहले आप 

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जालंधर उप चुनाव में चला मुफ्त बिजली का दांव.. आप ने एक बार फिर जीता पंजाब 
टाकिंग पंजाब 
जालंधर। पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों में जब आम आदमी पार्टी ने सभी को 600 यूनिट माफ करने व अन्य सुविधाएं देने का वादा किया था तो जनता ने उनकी बातों पर विश्वास करके पार्टी को इतनी सीटों से जीता दिया था, जिसकी खुद पार्टी को उम्मीद नहीं थी। जीतने के बाद ज़ब पार्टी ने अपना वादा पूरा करते हुए 600 यूनिट मुफ्त बिजली का ऐलान किया।
 अपने इस वादे को पूरा करने व पंजाब के लोगों का बिजली बिल जीरो आने के कारण जनता का महीने का 1500 से 2000 रुपया बचना शुरू हो गया। अब जिस व्यक्ति का महीने के इतने रूपये बचने शुरू हो जाये तो वो कैसे पार्टी को बुरा कहेगा। हालांकि सभी की सोच एक जैसी नहीं है लेकिन यह सच है कि जालंधर में हुए लोकसभा उप चुनाव में इस बात का असर देखने को मिला है। पंजाब के जिन लोगों का बिजली का बिल बचना शुरू हो गया, उनमे से ज्यादातर लोगों ने इस चुनाव में आप को पहले आप पहले आप कह दिया है।
 Bइस जीत से यह साबित हो गया है कि पंजाब में अभी भी आप का करेज कम नहीं हुआ है। देखा जाये तो आप ने एक बार फिर से पंजाब फ़तेह कर लिया है। हालांकि पंजाब में सिद्धू मुसेवाला के पिता ने आप के खिलाफ वोट करने की अपील की थी लेकिन इस चुनाव में सिद्धू मूसेवाला फैक्टर भी नजर नहीं आया व आम आदमी पार्टी की फिर लोकसभा में एंट्री हो गई है। आप की लोकसभा में एंट्री के साथ ही पार्टी का 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर हौंसला बुलंद हो गया है। एक साल में 2 बार पंजाब में जीत हासिल करना आप के लिए फायदेमंद ही होगा।
   दरअसल पंजाब में आप हर घर को प्रति महीने 300 यूनिट बिजली फ्री दे रही है। जालंधर दलित बाहुल्य आबादी वाला इलाका है। सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा इसी वर्ग को हुआ। इसके अलावा जरनल केटागरी के भी ऐसे कई परिवार है, जिनका बिजली का बिल जीरो आ रहा है। इससे पहले यह कभी नहीं हुआ था कि जनरल केटागरी वालों का बिजली का बिल माफ हुआ हो। आप सरकार ने इस केटागरी के लोगों को भी मुफ्त बिजली देकर अपनी तरफ कर लिया।
   हमारा नहीं बल्कि खुद सरकार ने दावा किया था कि पंजाब के 75 लाख में से 61 लाख घरों के बिजली बिल जीरो हो गए। इसके अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने का भी इस चुनाव में खासा असर पड़ा है। जनता का सोचना था कि पंजाब में सरकार आप की है तो दूसरी पार्टी को जिताने से उनका फायदा नहीं होगा इसलिए उन्होंने आप का सांसद चुना। ऐसे में सांसद से फायदा हो न हो, राज्य सरकार से फायदे मिलते रहेंगे, जो की केजरीवाल व भगवंत मन पहले ही जनता को कह चुके है।
  इसके अलावा आप को चुनौती देने वाली सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस भी जालंधर में गढ़ बचाने के लिए एकजुट नहीं हो सकी। हालंकि नवजोत सिद्धू, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पूर्व सी एम चरणजीत चन्नी प्रचार तो करते रहे, लेकिन दिल्ली से कांग्रेस का कोई बड़ा नेता वोटरों को विश्वास दिलाने नहीं आया, जिससे कांग्रेस में जोश नहीं रहा। कांग्रेस की हार का यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

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