अगले साल अपने एक ही उम्मीदवार को राज्यसभा भेज पाएगी 224 में से 65 सीटे जीतने वाली भाजपा
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हुई जीत से पार्टी को एक और बड़ा फ़ायदा मिलता दिख रहा है। इस जीत से पार्टी को राज्य में अगले साल खाली हो रही राज्यसभा की चार सीटों में से तीन पर अपने उम्मीदवारों को जिताने में मदद मिलने की संभावना है। दरअसल राज्य से चार राज्यसभा सदस्यों कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन, जीसी चंद्रशेखर व एल हनुमंथैया के अलावा भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है।
शनिवार को राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 65 पर जीत हासिल करने वाली भाजपा अगले साल अपने एक ही उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए भेज पाएगी। भाजपा के पास वर्तमान में कर्नाटक से 6 राज्यसभा सदस्य हैं, जिनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हैं। राज्य की 12 राज्यसभा सीटों में से कांग्रेस के 5 व जनता दल (सेक्युलर) के एक सदस्य हैं। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा जनता दल (सेक्युलर) के राज्यसभा में एकमात्र सदस्य हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कार्यकाल 2026 में भाजपा के इरन्ना कदली और नारायण कोरागप्पा के साथ समाप्त होगा। इसके साथ ही सीतारमण समेत चार अन्य सदस्यों का कार्यकाल 2028 में खत्म होगा। इसके बाद कर्नाटक के हुए इन चुनाव के बाद आये नतीजों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। इसका कारण यह है की कर्नाटक में अपनी जीत पक्की मान कर चल रही भाजपा राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 65 पर ही जीत हासिल कर पायी है। इससे लगता है कि यह कर्नाटक के चुनावी नतीजे राज्यसभा का गणित भी बदल सकते है।
उधर दूसरी तरफ कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद राज्य में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, इस पर आज कांग्रेस की अहम बैठक में फैसला होगा। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए आज शाम 6 बजे बेंगलुरु के शांगरी-ला होटल में बैठक बुलाई है। कांग्रेस विधायक दल द्वारा एक प्रस्ताव पारित किए जाने की उम्मीद है, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मुख्यमंत्री चुनने का फैसला करने के लिए छोड़ देगा। डीके शिवकुमार व पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया दोनों शीर्ष नेता इस पद के दावेदार है।
अगर मामले का समाधान सहमति से नहीं हुआ तो पार्टी के भीतर अप्रिय गतिरोध की आशंका बढ़ सकती है। अंदरूनी कलह की सुगबुगाहट ने कल जोर पकड़ लिया, क्योंकि डीके शिवकुमार ने कल सिद्धारमैया के बेटे की एक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मुख्यमंत्री पद पर फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया। डी के शिवकुमार कल गांधी परिवार से किए गए वादे को पूरा करने की बात कहते हुए रो पड़े थे। उन्होंने यह भी कहा कि जब से उन्होंने वादा किया है, वह तीन साल से सोए नहीं हैं।
भावुक कांग्रेसी नेता ने कहा कि “मैंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आश्वासन दिया कि मैं कर्नाटक को बचा लूंगा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का जेल में मुझसे मिलने आना मैं नहीं भूल सकता। मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस कार्यालय हमारा मंदिर है. हम अपना अगला कदम कांग्रेस कार्यालय में तय करेंगे। आपको बता दें कि डी के शिवकुमार हमेशा एक कांग्रेसी रहे हैं और 1989 में अपनी पहली चुनावी जीत के बाद से एक भी चुनाव नहीं हारे हैं।