लोकसभा उप चुनाव इफेक्ट – किसी पार्टी के नेताओं पर लगे गद्दारी के आरोप तो किसी पार्टी की सोशल मीडिया पर सामने आई खींचतान

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आप नेताओं पर लग रहे हैं दूसरी पार्टी को वोटें ​डलवाने के इल्जाम.. एक दूसरे पर सोशल मीडिया पर कीचड़ उछाल रहे भाजपा नेता 
टाकिंग पंजाब

जालंधर। लोकसभा उपचुनाव के नजीते जहां कांग्रेस से आप में गए सुशील कुमार रिंकू व पार्टी के लिए उत्साहजनक रहे हैं, वहीं इस चुनाव में शिकस्त खाने के बाद कईं पार्टीयों की अदरूनी बातें व खीचतान सामने आ रही है। इस चुनाव मे जहां एक तरफ आप के कुछ नेताओं पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार की जगह दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को वोटें डलवाने के इल्जाम लग रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस चुनाव के संपंन होते ही भाजपा में भी अंतर कलह खुलकर सामने आ गई है। सबसे पहले अगर आम आदमी पार्टी की बात करें तो जालंधर के बड़े आप नेताओं पर सुशील रिंकू के खिलाफ वोट डलवाने के आरोप लग रहे हैं।     माना जा रहा है कि जिन आप नेताओं ने यह खेल खेला था, उनकी बातों की रिर्काडिंग व अन्य सबूत हाईकमान तक पहुंच चुके हैं। कहा जा रहा है कि आप नेताओं की तरफ से इस चुनाव में की गई एक एक गतिविधि पंजाब के मुख्यमंत्री व आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है। चुनाव में अपनी पार्टी की जगह दूसरी पार्टी को वोट डलवाने के लिए पैसे देने के इल्जाम भी लग रहे हैं। कुछ वीडियो व व्हटसएप रिर्काडिंग भी हाईकमान के पास पहुंचे का दावा किया जा रहा है। हाईकमान ने इसको गंभीरता से लेते हुए जालंधर में कईं आप नेताओं की सुरक्षा भी कम कर दी है। फिलहाल हो सकता है कि हाईकमान का यह पहला छोटा सा कदम हो, लेकिन अगर यह इल्जाम सच्च निकले तो फिर इन आप के नेताओं के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। इसका कारण यह है कि संगरूर चुनाव हारने के बाद जालंधर लोकसभा की यह सीट आप के लिए नाक का सवाल बन गई थी।       इस सीट को जीतने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री से लेकर आप सुप्रिमों तक ने पूरा जोर लगाया। हालांकि उनकी मेहनत तो सफल हो गई लेकिन इस चुनाव में अपने ही नेताओं की गद्दारी शायद पार्टी हाईकमान बर्दाशत न करे। इसका मुख्य कारण यह है कि आप की यह जीत फिल्हाल मात्र 8 से 10 महीनों के ​लिए ही है। इसके बाद 2024 में दौबारा लोकसभा के चुनाव होने हैं व उसमें भी पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि यह सीट उनके हाथ से निकल जाए। इसके चलते हो सकता है कि पार्टी हाईकमान उप चुनाव में हुई घटना पर सख्त एक्शन भी ले ले। अब अगर बात करें भाजपा की तो पार्टी में सोशल मीडिया के जरिए एक जंग शुरू हो गई। यह जंग उस समय शुरू हुई जब वेस्ट हलके से पार्टी के उपप्रधान प्रदीप खुल्लर ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने लोकसभा उपचुनाव की हार के लिए जिम्मेदार लोगों को इस्तीफा देने के लिए कहा था।      इस पोस्ट के जरिए खासकर जालंधर वैस्ट के मंडल प्रधान व वैस्ट प्रभारी से इस्तीफा मांगा गया था। सोशल मीडिया पर प्रदीप खुल्लर की पोस्ट शेयर होने के बाद अब उनके खिलाफ भी ब्यानबाजी शुरू हो गई है। खुल्लर की इस सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कुछ लोगों ने बिना नाम लिखे कहा है कि कुछ लोग रैली में बसों व ढोल ले जाने के नाम पर पैसे कमाते रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में तो यहां तक लिखा गया है कि आप विधायक की विजय यात्रा दौरान उसके साथ कार पर चढ़ कर लड्डू बांटने वाले लोग भाजपा में काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इस लोकसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस व आप उम्मीदवारों के परिवारिक सदस्यों से मीटिंगे करने के आरोप भी लगाए गए हैं। गुस्सा इतना कि पोस्ट में गद्दार व जयचंद जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल भी किया गया है।      रंगदारी के इल्जाम भी लगाए गए हैं व इस बात को शेयर करने की बात भी की गई है। एक अन्य नेता ने लिखा है कि 9 करोड़ वाली ठगी का मामला भी बाहर आने वाला है। एक अन्य नेता ने तो अपने कमेंट में यहां तक आरोप लगाया है कि लंबी-लंबी बातें करके कुछ लोग पार्टी में दुकानदारी चला रहे हैं। लिखा है कि महिंद्र भगत को पार्टी छोड़कर जाने के लिए भी इन लोगों ने मजबूर किया। अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भाजपा नेताओं की तरफ से एक दूसरे पर उछाले जा रहे कीचड़ पर पार्टी का क्या एक्शन लेती है, यह तो बाद की बात है, लेकिन इस 8 माह के चुनाव के नतीजों ने कईँ पार्टीयों व नेताओं को चिंता में डाल दिया है। 

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