पंजाब के मोहाली को टूर्नामेंट के मेजबान शहरों की सूची से बाहर करना राजनीतिक हस्तक्षेप- खेल मंत्री
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। इसी साल अक्तूबर में होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत करेगा जिसको लेकर आईसीसी ने शेड्यूल जारी कर दिया है। इस शेड्यूल के मुताबिक भारत में कुल 10 स्थानों पर टोटल 48 मैच खेले जाएंगे व इन 10 स्थानों में पंजाब को इस बार एक भी मैचों की मेजबानी नहीं मिली है। वर्ल्ड कप के मैच अहमदाबाद, दिल्ली, धर्मशाला, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे, मुंबई, कोलकाता व बेंगलुरु में है लेकिन एक भी मैच में पंजाब का कहीं नाम नहीं है।
इसी बात को लेकर पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पंजाब के खेल मंत्री ने कहा कि अन्य खेलों की तरह ही क्रिकेट के क्षेत्र में भी पंजाब का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पंजाब ने क्रिकेट में कई बड़े खिलाड़ी दिए हैं। सबको पता है कि बीसीसीआई का मुखिया कौन है। यह सब केंद्र सरकार का किया धरा है। यही वजह है कि क्रिकेट वर्ल्ड कप की ओपनिंग भी गुजरात में हो रही है और फाइनल भी नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हो रहा है। उन्होंने अब खेलों में भी राजनीति शुरू कर दी है।
मोहाली का क्रिकेट स्टेडियम देश के टॉप 5 स्टेडियम में एक है, लेकिन यहां पर एक भी मैच नहीं करवाया जा रहा है। पंजाब के मोहाली को टूर्नामेंट के मेजबान शहरों की सूची से बाहर करना राजनीतिक हस्तक्षेप है। उन्होनें आगे कहा कि साल 1996 और 2011 में जब वर्ल्ड कप हुआ था तो उसके मैच मोहाली स्टेडियम में खेले गए थे। यहां पर एयरपोर्ट से लेकर 5 स्टार होटल हैं। दुनियाभर से आने वाले लोगों को यहां पर रुकने की भी कोई दिक्कत नहीं है। धर्मशाला से कहीं ऊपर मोहाली स्टेडियम की रैंकिंग है, लेकिन फिर भी भेदभाव किया जा रहा है। पंजाब सरकार इस मुद्दे को बीसीसीआई के सामने उठाएगी।
देखें, आईसीसी द्वारा जारी शेड्यूल…