यूसीसी के मामले में कांग्रेस अपना रही है ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति.. नेता बोले, कोई मसौदा आएगा तो चर्चा होगी

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कांग्रेस को डर, कहीं उल्टा न पड़ जाए दाव.. इस साल देश के पांच राज्‍यों में विधानसभा व अगले साल होने हैं लोकसभा चुनाव
टाकिंग पंजाब

नई दिल्‍ली। समान नागरिक संहिता पर देश में हो रहे हो-हल्ले के बीच कांग्रेस इस मामले को अभी ज्यादा तूल देने के मूढ़ में नजर नहीं आ रही है। अभी तक कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, जिसको देख लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपना रही है। दरअसल संसद की एक स्थायी समिति ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के विचार लेने के लिए विधि आयोग द्वारा जारी नोटिस पर 3 जुलाई को (विधि) आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाया है।  समिति ‘पर्सनल लॉ की समीक्षा’ विषय के तहत समान नागरिक संहिता पर विचार जानेगी।     इस बीच कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपनाती नजर आ रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में समान नागरिक संहिता पर ज़ोर देकर इस मुद्दे को उठाया था और पूछा था कि देश व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले दोहरे कानूनों के साथ कैसे काम कर सकता है ? साथ ही विपक्ष पर यूसीसी के मुद्दे का उपयोग कर मुस्लिम समुदाय को “गुमराह करने और भड़काने” का आरोप लगाया था। अब जब अभी तक समान नागरिक संहिता का मसौदा सामने नहीं आया है। इसमें क्‍या होगा और नहीं, इसके बारे में अभी कांग्रेस पार्टी या विपक्ष के पास कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना अंधेरे में तीर चलाने जैसे होगा। फिर इस साल देशभर के पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं।    भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार कर ली है और उस पर काम भी शुरू कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस भी हर मुद्दे पर बड़ी सावधानी से बयानबाजी कर रही है। समान नागरिक संहिता पर एक गलत बयान, कांग्रेस पर आगामी चुनावों के लिए बेहद भारी पड़ सकता है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस यूसीसी पर वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जब कोई मसौदा होगा और चर्चा होगी, तो हम भाग लेंगे और जो प्रस्तावित है उसकी जांच करेंगे। फिलहाल, हमारे पास प्रतिक्रिया के लिए केवल कानून आयोग का सार्वजनिक नोटिस है।     यूनिफॉर्म सिविल कोड कानूनों के एक सामान्य समूह को संदर्भित करता है, जो भारत के सभी नागरिकों पर लागू होता है और यह विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने सहित अन्य व्यक्तिगत मामलों से निपटने में धर्म पर आधारित नहीं है। समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर संजय राउत का कहना है कि अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन 3 जुलाई को बैठक के बाद परिस्थिति क्‍या होगी, कुछ नहीं कहा जा सकता है। जब कोई मसौदा आएगा और चर्चा होगी, तो हम हिस्सा लेंगे और जो प्रस्तावित होगा, उसकी समीक्षा करेंगे। कांग्रेस इस विषय पर विधि आयोग और केंद्रीय कानून मंत्रालय के विचारों का इंतजार करेगी।

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