शिंदे गुट के विधायकों पर लटक रही है सदस्यता रद्द होने की तलवार .. उनके 16 विधायकों को अयोग्य करार देने पर जल्द आ सकता है फैसला
बीजेपी ने दिखाई दूरदृष्टि … शिंदे के आऊट होने के डर से अजीत पवार को करवाया अपनी टीम में शामिल.. फडणवीस बन सकते हैं महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानि कि एनसीपी में कुछ माह पहले हुई बगावत के बाद से ही यह क्यास लगाए जा रहे थे कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार चुप नहीं बैठेंगे। हुआ भी कुछ ऐसा ही, जब अजित पवार ने अपने 40 के करीब विधायकों को लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया। यह सभी कुछ इतने गुप-चुप तरीके से हुआ कि इससे खुद शरद पवार व अन्य दल भी हैरान हैं। शरद पवार का खुद कहना है कि भतीजे अजित पवार के खेमा बदलने की जानकारी उनको नहीं थी।
अजित पवार ने रविवार को सबको चौंकाते हुए महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होकर एनसीपी में विभाजन कर दिया, जिसके बाद 24 साल पहले शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी संकट में पड़ गई है। हालांकि, शरद पवार ने कहा है कि वह सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ जंग जारी रखेंगे व एक बार फिर एनसीपी को खड़ा करेंगे। अब यहां तक तो ठीक है, लेकिन इस सभी के बीच एक ओर कहानी जो सामने आ सकती है, वह महाराष्ट्र के सीेम एकनाथ शिंदे की है। अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने से सबसे ज्यादा डर एकनाथ शिंदे को सता रहा होगा। सूत्रों की माने तो शिंदे गुट ने शिवसेना से अलग होकर अलग पार्टी बनाई है। उनके 16 विधायकों को अयोग्य करार देने पर फैसला होना भी बाकी है। यह भी माना जा रहा है कि यह फैसला शिंदे गुट के खिलाफ आ सकता है।
अगर ऐसा होता है तो शिंदे गुट के बचे हुए यानी 40 विधायकों की सदस्यता भी रद्द हो सकती है। ऐसा होने पर मौजूदा सरकार अल्पमत में आ जाएगी व महाराष्ट्र में फिर से बड़ा बदलाव हो सकता है। इससे बचने के लिए बीजेपी ने अजित पवार को सरकार में शामिल होने का ऑफर दिया। वैसे भी अजित पवार कई बार दावा कर चुके हैं कि उनके साथ 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के अगर 40 विधायकों के ऊपर को संकट आता है तो उससे बचने के लिए बीजेपी ने पहले ही अपने हाथ में अजीत पवार को रख लिया है, ताकि अगर सरकार अल्पमत में आ भी जाए तो अजीत पवार के विधायकों के दम पर सरकार फिर से बनाई जा सके। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब तो हो जाऐगी, लेकिन सूत्र कहते हैं कि इससे एकनाथ शिंदे को सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ सकती है।
दरअसल महाराष्ट्र में जो भी हो रहा है, उसमें शिंदे गुट की सहमति है। शिंदे सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार भी करने वाली थी। ऐसे में अजित पवार का बीजेपी को समर्थन देना इस बात को साबित करता है कि बीजेपी को कहीं न कहीं यह अंदेशा है कि शिंदे के विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है, जिसके बाद वह विधायकों की अयोग्यता पर आए फैसले को चैलेंज भी नहीं कर पाएंगे। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि आने वाले 8 से 10 दिन में महाराष्ट्र में फिर से एक शपथ ग्रहण समारोह होगा। इससे पहले एकनाथ शिंदे सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे व देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। कहा जा रहा है कि शिंदे गुट का राजनीतिक अस्तित्व जल्द ही खत्म हो जाएगा।