दुनिया के कई देश साइबर हमलों का हुए शिकार व यह खतरा दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर मंडरा रहा है- अमित शाह
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जी-20 सम्मेलन में शासन और लोक कल्याण में डिजिटल साधनों को बढ़ावा देते व सुरक्षा चिंताओं के बारे में आगाह करते हुए कहा कि डिजिटल क्षेत्र में असुरक्षा राष्ट्रों की वैधता और संप्रभुता पर सवाल उठा सकती है। नॉन-फंगिबल टोकन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर जी 20 सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि यह आवश्यक है कि नागरिकों को डिजिटल प्लेटफार्मों में विश्वास हो। हमारी सुरक्षा चुनौतियों का डायनामाइट से मेटावर्स और हवाला से क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तन दुनिया के देशों के लिए चिंता का विषय है व सभी को मिलकर एक रणनीति तैयार करने की जरूरत है। कोई भी देश अकेले इससे नहीं लड़ सकता है। अमित शाह ने आगे कहा कि दुनिया के कई देश साइबर हमलों का शिकार हो गए हैं और यह खतरा दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर मंडरा रहा है। साइबर हमलों से दुनिया को लगभग 5.2 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। साइबर अपराधों की सीमाहीन प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, हमें देशों के विभिन्न कानूनों के तहत एक प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करना चाहिए। डिजिटल अपराधों का मुकाबला करने के लिए सभी देशों के कानूनों में कुछ एकरूपता लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। अमित शाह ने आतंकवादियों पर हमला बोलते हुए कहा कि आतंकवादी अपनी पहचान छिपाने व कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं व इसके साथ ही, वे वित्तीय लेनदेन के लिए आभासी संपत्ति के रूप में नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इतना ही नहीं, चीन की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें नागरिकों और सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही हैं। प्रौद्योगिकी मनुष्यों, समुदायों और देशों को करीब लाने में एक सकारात्मक विकास है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें भी हैं, जो प्रौद्योगिकी का उपयोग नागरिकों और सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं।