म​णिपुर मामले में 24 घंटे में हुई 4 गिरफ्तारियां.. दोषियों के लिए सजा-ए-मौत की मांग…

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वीडियो में से एक दर्जन से अधिक लोगों की हुई पहचान.. मुख्यमंत्री एन बिरेन बोले.. दोषियों को मृत्युदंड दिलाने का किया जाएगा प्रयास

टाकिंग पंजाब
नई दिल्‍ली। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। यह घटना कांगपोकपी जिले के एक गांव में हुई थी, जिसका 26 सेकंड का एक वीडियो सामने आने के बाद राष्ट्रव्यापी रोष पैदा हो गया है। मामले में अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में अभी तक क्या हुआ, जानिए इससे जुड़ी 10 अहम जानकारियां ।
     1- मणिपुर की दो महिलाओं को 4 मई को नग्न अवस्था में घुमाते और भीड़ द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ किए जाने का भयानक वीडियो वायरल होने के 24 घंटों के भीतर, चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इसमें शामिल कुछ लोगों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि वे अब तक वीडियो में एक दर्जन से अधिक लोगों की पहचान कर चुके हैं.
    2 – वायरल वीडियो में दो महिलाओं के खिलाफ कृत्य को “मानवता के खिलाफ अपराध” करार देते हुए और सभी विधायिकाओं की ओर से इस भयावह अपराध की कड़ी निंदा करते हुए, बीरेन ने कहा कि राज्य सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी. मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कहा कि गहन जांच जारी है और दोषियों को मृत्युदंड दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
    3 – सीएम बीरेन ने कहा कि इस मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार, यह घटना 4 मई को हुई थी। उन्होंने कहा कि वीडियो देखने के तुरंत बाद, उन्होंने साइबर अपराध विभाग को इसकी प्रामाणिकता की जांच करने का निर्देश दिया था और अपराधियों को पकड़ने के लिए संदिग्ध क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया था।
     4 – मानसून सत्र के पहले दिन, कल बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के विषय पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्रवाई बाधित हुई थी। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मणिकम टैगोर व कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मामले पर संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और चर्चा की मांग करते हुए शुक्रवार को कार्य स्थगन के नोटिस दिए।
    5 – इस बीच शक्तिशाली कुकी जनजाति संगठन आदिवासी एकता समिति या सीओटीयू ने बृहस्‍पतिवार शाम से कांगपोकपी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। सीओटीयू ने बीरेन सिंह सरकार को सभी दोषियों को पकड़ने के लिए 48 घंटे की समय सीमा दी है, अन्यथा वे आंदोलन को और आगे बढ़ाएंगे। सीओटीयू के जनरल सचिव लैमिनलुन सिंगसिट ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि सभी दोषियों को 48 घंटे में गिरफ्तार किया जाए।
    6 – अन्यथा बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। हम केंद्र सरकार से अंतिम समाधान के लिए कुकी विद्रोही समूहों के साथ राजनीतिक वार्ता शीघ्र शुरू करने की अपील करते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि भीड़ द्वारा दो महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में उसने मणिपुर सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किये हैं। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि वह इस तरह की ‘बर्बर घटनाओं’ से नागरिकों, खासकर महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए या उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में जानना चाहता है।
    7 – संसद के मानसून सत्र के दूसरा दिन शुक्रवार को लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया कि ‘सरकार मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार है। वहीं, राज्यसभा में भी यह मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है। विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में रूल 193 व राज्यसभा में रूल 176 और रूल 267 के तहत नोटिस दिए हैं। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मनिकम टैगोर, राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह व आरजेडी नेता मनोज कुमार झा सहित कई सांसदों ने नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने की मांग रखी।
     8 – मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कानून के पूरी सख्ती से कदम उठाने की बात कहे जाने के कुछ ही घंटे बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कहा कि पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, प्रधान न्यायाधीश ने भी चेतावनी दी कि यदि जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ तो उच्चतम न्यायालय कार्रवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने गहरा दुख जताते हुए इस घटना को ‘शर्मनाक’ और ‘अस्वीकार्य’ करार दिया।
      9 – वहीं ​इस मामले में ट्वीटर वार शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर लिखा है, नरेंद्र मोदी जी, आपने कल संसद के अंदर एक बयान नहीं दिया। अगर आप नाराज थे तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी तुलना करने के बजाय, आप पहले अपने मुख्यमंत्री मणिपुर को बर्खास्त कर सकते थे। उधर आप सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि मणिपुर में हिंसा ने हम सभी को झकझोर दिया है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह नींद से जागें और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करें। पूरा देश जानना चाहता है कि मणिपुर में क्या हो रहा है, सरकार ने क्या किया है ? मणिपुर सरकार को बर्खास्त किया जाए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
       10- वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया है कि विपक्ष चर्चा से बचने और संसदीय कार्यवाही को बाधित करने के लिए कोई न कोई बहाना बनाता रहता है। कुछ लोग अब संसद भवन का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए वे नहीं चाहते कि संसद आगे चले। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मैं विपक्ष से अपील करना चाहूंगा कि वह बार-बार अपना रुख न बदलें और राजनीति में शामिल न हों क्योंकि यह महिलाओं की गरिमा से जुड़ा एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। मुझे लगता है कि संसद सत्र चलना चाहिए, क्योंकि हम इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

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