लोकसभा चुनाव को लेकर हुए सर्वे ने बढ़ाया केजरीवाल का कद… पार्टी को मिल सकती है 6 से 7 सीटें

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टाइम्स नाउ इटीजी सर्वे अनुसार देश में फिर बीजेपी नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बनने के है आसार
टाकिंग पंजाब 

नई दिल्ली। आने वाले साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होने वाले है। इन चुनावों के लिए पक्ष से लेकर विपक्ष तक अपनी गोटिया फिट करने में लगा है। विपक्ष ने एक नया मोर्चा बना लिया है, जिसका नाम I. N. D. I. A रखा है। इस मोर्चे में एक कड़ी जो काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, वो केजरीवाल है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष की गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है।    केजरीवाल की पार्टी न सिर्फ दिल्ली की सात लोकसभा सीटें बल्कि देश के अलग अलग राज्य में भी अपनी किस्मत आजमाने उतरेगी। इसी बीच टाइम्स नाउ इटीजी ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जो सर्वे किया है, उसके अनुमान आम आदमी पार्टी के लिए सकारात्मक दिख रहे हैं। हालांकि यह मात्र अनुमान है, लेकिन इस सर्वे से आप को काफ़ी ऑक्सीजन मिल सकती है। सर्वे में आम आदमी पार्टी को लोकसभा की 7 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। बता दें कि यह सर्वे टाइम्स नाउ इटीजी ने जून में तब किया था, ज़ब पटना में विपक्ष की एकजुटता को लेकर बैठक हो ही रही थी।    हालांकि टाइम्स नाउ इटीजी सर्वे में एक बार फिर बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बनने के आसार हैं। सर्वे में BJP+ को 285 से 325 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं कांग्रेस को 111 से 149 सीटें मिलने का अनुमान है। टीएमसी को 20-22, वाईएसआपसीपी को24-25, बीजेडी को 12-14, बीआरएस 9-11, आम आदमी पार्टी को 4 से 7, सपा को 4-8,  और अन्य को 18 से 38 सीटें मिलने का अनुमान है। इस सर्वे में सैंपल साइज एक लाख 35 हजार था, जिसमें 60 फीसदी लोगों से राय टेलीफोन पर जबकि बाकी 40 प्रतिशत की राय उनसे मिलकर ली गई है।   इससे पहले इंडिया टूडे ने भी साल की शुरुआत में ही सर्वे किया था। उस वक्त राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे। उस सर्वे में भी NDA की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया था। सर्वे में NDA को 298 सीटें दी गई थी तो वहीं यूपीए के खाते में 153 सीटें जाने का अनुमान लगाया गया था। अन्य के पास 92 सीटें थीं। इस सर्वे में सभी पार्टियों को मिले वोट प्रतिशत की बात करें तो NDA को 43, यूपीए को 29 और अन्य को 28 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था। यहां बता दें कि सर्वे के अनुमान केवल अनुमान ही होते हैं. असल नतीजे इससे अलग होने की संभावना पूरी तरह होती हैं. हालांकि सर्वे के नतीजे बहुत हद तक जनता का मूड भापने में कामयाब होते हैं।

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