चंडीगढ़। किताबों में एक कहानी हुआ करती है, कि एकता में बल है। इस कहानी की सच्चाई पर अब 2 राजनीतीक पार्टियां विश्वास करने पर मजबूर हो गईं है। अब इन दोनों पार्टियों ने फिर से एकता में बल है, दिखाने का फैसला लिया है। जी हाँ.. यह दोनों पार्टियां एक बार फिर से पंजाब में अपना वजूद कायम करने की कोशिश में जुट गईं है। यह दोनों पार्टिया है शिरोमणि अकाली दल व भाजपा…। सूत्रों की माने तो पंजाब में एक बार फिर से शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन होना लगभग तय हो गया है। इस गठबंधन की एहमियत दोनों पार्टियों को हाल ही में हुए जालंधर क लोकसभा चुनाव में दिखाई दी। इन दोनों पार्टियों को वोट तो मिले लेकिन गठबंधन न होने के कारण यह सीट आप की झोली में चली गईं थी। अब आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इन दोनों पार्टियों ने फिर से हम साथ साथ हैं का फार्मूला अपनाने की सोची है। कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों में सीटों के फॉर्मूले से लेकर चुनाव स्ट्रैटजी भी तय हो चुकी है, बस इतना जरूर कहा जा रहा है कि अब शिरोमणि अकाली दल को कम सीटों पर गुजारा करना पड़ेगा। सूत्रों की माने तो दोनों पार्टियों में जो आगामी 2024 में आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का फॉर्मूला तय हुआ है उसमें भाजपा का कद बढ़ा है। पुराने गठबंधन में अकाली दल 10 व भाजपा 3 सीटों पर चुनाव लड़ती थी, लेकिन अब यह संख्या 8 और 5 हो गई है। इसका मतलब है कि अब भाजपा 5 और अकाली दल 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। सूत्रों के अनुसार दोनों दल गठबंधन का ऐलान शीघ्र ही कर सकते हैं। दरअसल इस गठबंधन की दोनों पार्टियों को जरूरत भी थी। इसका कारण यह है कि भाजपा ने बेशक बड़े-बड़े दावे किए थे कि उन्हें अकाली दल क जाने से फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा पंजाब में अभी इतना आधार नहीं बना पाई है कि वह पंजाब में अकेले चुनाव लड़ कर सत्ता हासिल कर सके। उधर अकाली दल का भी पंजाब में आधार कुछ खिसक गया है व उनको भी पता है कि गठबंधन किए बिना उनका भी पंजाब की सत्ता हासिल करना मुश्किल काम है। इसलिए दोनों ही पार्टियों को गठबंधन की जरूरत महसूस हुई है। कहा जा रहा है कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल दिल्ली में डेरा जमा कर बैठे हैं। वह वहां पर लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मीटिंग कर गठबंधन की शर्तें तय कर रहे हैं। इसी बीच यह भी पता चला है कि आज यानि 5 जुलाई को पदाधिकारियों के साथ पार्टी के प्रधान सुखबीर बादल बैठक करेंगे। इसके बाद सुखबीर बादल ने 6 जुलाई को शिरोमणि अकाली दल कोर कमेटी की बैठक बुलाई है, लेकिन कहा जा रहा है कि पदाधिकारियों और कोर कमेटी की बैठक महज एक खानापूर्ति है, जबकि यह गठबंधन होना तय माना जा रहा है।
शिरोमणि अकाली दल व भाजपा को समझ आई गठबंधन की एहमियत.. फिर से किया गठबंधन का फैंसला
भाजपा का बढ़ा कद.. पहले अकाली दल 10 व भाजपा 3 सीटों पर लड़ती थी चुनाव, लेकिन अब यह संख्या हुई 8 व 5…
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