इंडोनेशिया में आसियान समिट में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी… शानदार आयोजन के लिए राष्ट्रपति विडोडो को दी बधाई…

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भारत के इंडो पैसेफिक इनिशिएटिव में भी आसियान का प्रमुख स्थान, हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही- पीएम मोदी

टाकिंग पंजाब

जकार्ता। इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान समिट 5 सितंबर से शुरू हो गई है व 8 सितंबर तक चलेगी। आसियान में मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, वियतनाम, कम्बोडिया, फिलीपींस, ब्रुनेई, थाईलैंड, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विदेश मंत्री एस जयशंकर आज सुबह इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-इंडिया समिट में शामिल हुए। जकार्ता पहुंचने पर पीएम मोदी का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया गया।
    इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के इंडो पैसेफिक इनिशिएटिव में भी आसियान का प्रमुख स्थान है। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है। आज वैश्विक अनिश्चिततओं के माहौल में, हमारे आपसी सहयोग में वृद्धि हो रही है। हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है। 21वीं सदी एशिया की सदी है; वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर हमारा मंत्र है। उन्होनें आगे कहा कि इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति विडोडो का अभिनंदन करता हूं व आसियान समिट की अध्यक्षता के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
     बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले 9 आसियान समिट में हिस्सा ले चुके हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2022-23 में भारत और आसियान देशों के बीच 10 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। इस बार आसियान समिट के दौरान इंडोनेशिया ने एक स्पेशल इवेंट रखा है। इसे इंडो पैसिफिक फोरम नाम दिया गया है। इस फोरम के जरिए आसियान देश इंडो-पैसिफिक में अपने लक्ष्यों को लेकर राय देंगे। इसमें आसियान देशों की इंडो-पैसिफिक में कनेक्टिविटी बढ़ाने को लेकर चर्चा की जाएगी। भारत ने पिछले साल ही आसियान देशों के साथ कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप साइन की थी जिसके चलते पीएम मोदी का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण है।
     दरअसल, व्यापक रणनीतिक साझेदारी के बाद द्विपक्षीय संबंध व मजबूत होते हैं। इसके तहत रक्षा, आर्थिक और तकनीकी हितों को बढ़ाने के लिए मिलकर काम किया जाता है। वहीं, इस इलाके में चीन को काउंटर करने के लिए भारत आसियान देशों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहा है। हाल ही में चीन ने एक नक्शा जारी किया था जिस पर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया व ताइवान समेत कई आसियान देशों ने आपत्ति जताई थी।
      उन्होंने साउथ चाइना सी में चीन के दावे को खारिज कर दिया। वहीं, जकार्ता में आसियान की चीन, जापान व साउथ कोरिया के साथ हुई बैठक के दौरान चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि दुनिया में नए कोल्ड वॉर को टालना बहुत जरूरी है। सभी देशों को एक-दूसरे के साथ चल रहे तनाव को समझदारी से सुलझाने की जरूरत है। गुटबाजी और एक का साथ देने की भावना को पीछे छोड़ना होगा। तभी नए शीत युद्ध को रोका जा सकेगा।

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