टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब सरकार की लाख कोशिश के बावजूद पंजाब में इस साल भी किसानो द्वारा पराली को खूब आग लगाई गईं। पंजाब में पराली जलने के कारण वातावरण बेहद खराब चल रहा था, लेकिन शुक्रवार सुबह हुई बारिश की कारण इस ख़राब वातावरण से लोगो को कुछ राहत मिली है। पंजाब में पराली के जलने से पंजाब के तीन मुख्य शहरों की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। आपको बता दे कि बीते कल यानि कि गुरुवार को 639 स्थानों पर पराली जलाई गईं। हैरानी की बात तो यह है कि पराली जलाने के सबसे अधिक 135 मामले सीएम मान के गृह जिले संगरूर से सामने आए हैं। इसके अलावा बठिंडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स बुधवार को 348 था जो वहीं गुरुवार को 372 पहुंच गया। मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई 338 से बढ़कर 357, खन्ना का 253 से बढ़कर 297 और पटियाला का 267 से बढ़कर 306 पहुंच गया। जालंधर का एक्यूआई 249 और लुधियाना का 285 दर्ज किया गया सूबे में पटियाला से 29, फिरोजपुर से 83, फाजिल्का से 38, कपूरथला से 52, मानसा से 96, मोगा से 31, तरनतारन से 20, बठिंडा से 17, बरनाला से 14, जालंधर से 32, मुक्तसर से 15, एसबीएस नगर से नौ पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक इसी दिन साल 2021 में 5079 और 2022 में 1778 मामले दर्ज किए गए हैं। इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामले 23620 हो गए हैं। वहीं, साल 2021 में इस समय तक कुल मामलों की संख्या 47409 और साल 2022 में 34868 थी। संगरूर जिला 4205 मामलों के साथ पराली जलाने में सबसे आगे है, वहीं 2259 मामलों के साथ फिरोजपुर दूसरे, 1908 के साथ तरनतारन तीसरे स्थान पर है।