भारत व अमेरिका ने इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर किये हस्ताक्षर…

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गतिशील स्टार्टअप पारिस्थितिकि तंत्र को जोड़ना व स्टार्टअप के लिए फंड जुटाना है एमओयू का मुख्य उद्देश्य…

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। इनोवेशन हैंडशेक के माध्यम से इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए कॉमर्शियल डायलॉग के तहत भारत व अमेरिका ने एक एमओयू यानि समझौते पर हस्ताक्षर किया है। भारत व अमेरिका के बीच इस समझौते की रूपरेखा पिछले साल जून में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा के दौरान ही तैयार की गई थी व पीएम मोदी ने पिछले साल ही इसे लेकर एक घोषणा भी की थी।इस समझौते पर हस्ताक्षर होने का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के गतिशील स्टार्टअप पारिस्थितिकि तंत्र को जोड़ने, सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं को संबोधित करने, स्टार्टअप के लिए फंड जुटाने जैसी जानकारी, बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने और विशेष रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में इनेशियटिव और जॉब ग्रोथ को बढ़ावा देना है।

       इस दौरान अमेरिका की मंत्री जीना रायमोंडो व भारत के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे। बता दें कि इस एमओयू पर सैन फ्रांसिस्को में डिकोडिंग द इनोवेशन हैंडशेक यूएस-इंडिया एंटरप्रेन्योरशिप पार्टनरशिप नामक किक-ऑफ इंडस्ट्री राउंडटेबल में हस्ताक्षर किए गए। यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सह-आयोजित और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) व स्टार्टअप इंडिया द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में प्रमुख आईसीटी कंपनियों के सीईओ, अधिकारी उद्यम पूंजी फर्मों और महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के संस्थापकों ने चर्चा की।         वहीं, भारत व अमेरिका के बीच इसी साल प्रौद्योगिकी साझेदारी बढ़ाने, साथ मिलकर सेमीकंडक्टर, 5जी6जी दूरसंचार नेटवर्क, क्वांटम और उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र में उत्पादन की संभावनाएं तलाशेंगे की बात गई थी जिसे लेकर एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया था। बयान में कहा गया था कि दोनों सरकारें प्रौद्योगिकी साझेदारी बढ़ाने, साथ मिलकर विकास और उत्पादन के अवसरों को बढ़ावा देने और नियमों को अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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