तृणमूल कांग्रेस ने अपने मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में लिखा, भाजपा के खिलाफ जमींदारी मानसिकता से लड़ी कांग्रेस, इसलिए हार गई..
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। देश के 4 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में मिली हार के बाद इंडिया गठबंधन में तकरार देखने को मिल रही है। इंडिया गठबंधन की ही कुछ पार्टीयों को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया व यह मौका यह पार्टीयां छोड़ने के मूढ में नहीं हैं। इन राज्यों में हार के बाद कांग्रेस की तरफ जो सबसे पहला तीर छोड़ा है, वह तृणमूल कांग्रेस का है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस यानि कि इंडिया गठबंधन की साथी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधा है।
चार राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर मुखपत्र के संपादकीय में लिखा कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ जमींदारी मानसिकता से लड़ रही थी, इसलिए हार गई। तृणमूल ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि कांग्रेस को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में हार की वजहों पर चिंतन करना चाहिए व जो कमियां नजर आती हैं, उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सुधारना होगा। ममता ने बंगाल विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि विचारधारा के साथ-साथ एक रणनीति की भी जरूरत है। अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था होती है, तो बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी।
ममता ने कहा कि हम गलतियों से सीखेंगे और I.N.D.I.A ब्लॉक अगले साल आम चुनाव से पहले मिलकर काम करेगा। खबर यह भी है कि 6 दिसंबर को इंडिया अलायंस की बैठक होनी है, जिसमें ममता के शामिल होने के आसार न के बराबर दिख रहे हैं। हालांकि बैठक में न पहुंच पाने के बारे में ममता बनर्जी का कहना है कि उन्हें इस बैठक की कोई जानकारी नहीं मिली थी, इसलिए उन्होंने नॉर्थ बंगाल में एक कार्यक्रम रख लिया। इसके चलते वह इंडिया ब्लॉक की मीटिंग में नहीं जा पाएंगीं। कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि अगर मुझे अलांयस की बैठक के बारे में पता होता तो मैंने यह कार्यक्रम आयोजित नहीं किया होता।
हालांकि एक दिन पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस हारी है, लोग नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने शीट शेयरिंग का सुझाव दिया था, लेकिन कांग्रेस ने यहां अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, जो कि उल्टा पड़ गया। इंडिया ब्लॉक की पार्टियों ने कांग्रेस को मिलने वाले वोट बांट लिए, जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला और 3 राज्यों में उसे जीत हासिल हुई। ममता बनर्जी के ब्यान से ऐसा लगता है कि इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है।
दूसरी तरफ खबर है कि अकेले ममता बनर्जी ही नहीं, बल्कि टीेमसी नेता कुणाल घोष ने भी विधानसभा चुनावों में हार को लेकर कांग्रेस पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की जीत नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है। कांग्रेस जमींदारी वाली मानसिकता के साथ चुनाव लड़ रही थी। इंडिया ब्लॉक को आगे बढ़ाने के लिए ममता दीदी ने कांग्रेस को कुछ सलाह दी थी, जो उन्होंने नहीं मानी। घोष ने कहा कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती थी, बुरी तरह हार गई। अब भी समय है, उन्हें अपनी कमियों को दूर करके लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को मजबूत करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इससे गठबंधन को नुकसान ही होगा।