माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला रखा बरकरार…

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केंद्र की तरफ से लिए गए हर फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती, ऐसा करने से अराजकता फैल जाएगी- चीफ जस्टिस

यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति व एकता की एक शानदार घोषणा है- पीएम मोदी

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। माननीय सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस संजीव खन्ना की संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला बरकरार रखा। बेंच के सामने लगातार 16 दिन तक सुनवाई चली जो 5 सितंबर को खत्म हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के 96 दिन बाद केस पर फैसला सुनाया।        फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 अस्थायी प्रावधान था। संविधान के अनुच्छेद 1 व 370 से स्पष्ट है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारतीय संविधान के सभी प्रावधान वहां लागू हो सकते हैं। हम आर्टिकल 370 को निरस्त करने के लिए जारी राष्ट्रपति के आदेश को वैध मानते हैं। हम लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखते हैं। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि केंद्र की तरफ से लिए गए हर फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती, ऐसा करने से अराजकता फैल जाएगी। अगर केंद्र के फैसले से किसी तरह की मुश्किल खड़ी हो रही हो, तभी इसे चुनौती दी जा सकती है।       सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की यह दलील खारिज कर दी कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र ऐसा कोई फैसला नहीं ले सकता, जिसमें बदलाव न किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है व 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है। यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। न्यायालय ने अपने गहन ज्ञान से, एकता के मूल सार को मजबूत किया है, जिसे हम भारतीय होने के नाते बाकी सब से ऊपर प्रिय मानते हैं और संजोते हैं।        पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा कि निराश हूं लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा। यहां तक पहुंचने में बीजेपी को दशकों लग गए, हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं।

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