लोकसभा से 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

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कहा- आप दबाने की कोशिश करते हो, हम उठकर खड़े हो जाते हैं… जब सब एक होते हैं तो अकेला मोदी कुछ नहीं कर सकता…

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नई दिल्ली। बीते दिनों लोकसभा से 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। लोकसभा से निलंबित किए गए सांसद अब चेंबर, लॉबी और संसद की गैलरी में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। हालांकि, अगर वह सांसद किसी संसदीय समिति के सदस्य है तो उसकी कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते हैं। जारी सर्कुलर के अनुसार निलंबित सांसदों के नाम से कोई बिजनेस भी लिस्ट नहीं होगा। साथ ही निलंबन के दौरान उन सांसदों का कोई भी नोटिस टेबल पर नहीं आएगा। इस सर्कुलर के अनुसार अगर इस दौरान किसी संसदीय समिति का चुनाव होता है तो उसमें भी निलंबित सदस्य हिस्सा नहीं ले पाएंगे।       निलंबित सांसदों को डेली अलाउंस भी नहीं मिलेगा। अब विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं द्वारा जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया गया जिसका नाम उन्होनें सेव डेमोक्रेसी प्रोटेस्ट रखा। इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, शरद पवार समेत विपक्षी पार्टियों के कई नेता मौजूद रहे। ​​​​​​संसद में हुई सुरक्षा चूक को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पार्लियामेंट के अंदर गैस सिलेंडर लाए तो कुछ और भी ला सकते थे। सिक्योरिटी ब्रीच का मामला था। उनके प्रोटेस्ट का कारण क्या था? उन्होनें कहा कि इसकी वजह बेरोजगारी है। देश में भयंकर बेरोजगारी है।

       देश का युवा आज रोजगार नहीं पा सकता। मैंने किसी से कहा कि देश में कहीं भी एक छोटा सा सर्वे करो कि देश के युवा मोबाइल या सोशल मीडिया पर कितना समय बिताते हैं। जवाब मिला- साढ़े सात घंटे। नरेंद्र मोदी की सरकार में देश का युवा साढ़े सात घंटे सेलफोन पर रहता है, क्योंकि उसके पास रोजगार नहीं है। ये हिंदुस्तान की सच्ची हालत है। इसी के चलते वो युवा संसद में कूदकर आए। जो लोग खुद के देशभक्त होने का दावा करते हैं, उनकी हवा निकल गई। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि क्या मुझे ये कहना चाहिए कि दलित होने के चलते मुझे बोलने का मौका नहीं मिला।         आपने सभी विपक्षी सांसदों को बाहर कर दिया और तीन क्रिमिनल बिल पास कर दिए। इन कानूनों से नागरिकों को परेशानी होने वाली है। ये I.N.D.I.A क्यों बना? मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया है। सस्पेंड हुए सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। खड़गे ने आगे कहा कि देश के एक उच्च पद बैठे व्यक्ति कहते हैं कि जाति के चलते उनका अपमान हुआ। वो ये बात कैसे कर सकते हैं। जब देश में रेप होता है, दलितों को कुचला जाता है, संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती है, हम नोटिस देते हैं तो कुछ नहीं होता। आप सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स से कितना डराते हो। आप दबाने की कोशिश करते हो, हम उठकर खड़े हो जाते हैं।        जब सब एक होते हैं तो अकेला मोदी कुछ नहीं कर सकता। मोदी जी को इतना घमंड है कि हम 400 सीट जीतेंगे। आप इतने पॉपुलर तो नहीं है। कर्नाटक-तेलंगाना-हिमाचल में गली-गली घूमे, लेकिन हारकर आए। इतना ही नहीं, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी विपक्ष रहित सदन चाहते हैं, लेकिन हम लड़ते रहेंगे। संसद में जो लोग घुसे थे, उन्होंने रंगीन धुआं उड़ाया था, अगर यह कुछ और होता तो देश की स्थिति कुछ और होती। वहीं, सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए दो केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल व प्रल्हाद जोशी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस कॉन्फ्रेंस दौरान उन्होनें कहा कि स्पीकर संसद के केयरटेकर होते हैं।        लोकसभा स्पीकर ने बार-बार कहा कि वो सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्हें स्पीकर की बात भरोसा क्यों नहीं है? विपक्षी सांसद जानबूझकर चुनाव में हार की बदला ले रहे हैं। उन्होनें आगे कहा कि संसद में घुसपैठ बड़ा मुद्दा है। इसकी जांच करने के लिए कमेटी बना दी गई है, जो अपना काम कर रही है। फिर उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया। कांग्रेस मानती है कि सिर्फ उनके पास सरकार चलाने का अधिकार है। उनको लगता है कि उस व्यक्ति को उपराष्ट्रपति बनना चाहिए, जिसे कांग्रेस नॉमिनेट करे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को नहीं देख सकते। ये एक तरह से दलित, किसान और पिछड़ी जातियों का अपमान है।

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