दिल्ली, पंजाब व हरियाणा की 18 लोकसभा सीटों पर पड़ सकता है केजरीवाल की रिहाई का असर
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में दिल्ली के सीएम व आप प्रमुख के जेल जाने से आम आदमी पार्टी को खासा धक्का लगा था, लेकिन केजरीवाल की कुछ दिनों की रिहाई ने आप के इलेक्शन कैंपेन के लिए बूस्टर डोज का काम किया। दिल्ली के शराब नीति केस में कथित घोटाले के आरोप में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल को 10 मई को जमानत मिल गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है व 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल को जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी में जैसे नई जान फूंक दी गई है। इंडिया अलायंस में भी जोश आ गया है। आइए समझते हैं कि केजरीवाल के जेल से बाहर निकलने से लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा ? जमानत मिलने के बाद क्या केजरीवाल को दिल्ली में जीत भी मिलेगी ? दरअसल आम आदमी पार्टी के लिए केजरीवाल का बाहर आना बहुत मायने रखता है। चुनाव के वक्त प्रचार के लिए अंतरिम ज़मानत मिलना बड़ी बात है। केजरीवाल उस वक्त बाहर आए हैं, जब पार्टी को उनकी सबसे ज़्यादा जरूरत है। वह आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ा चेहरा हैं व चुनाव के वक्त उनका जेल में होना पार्टी के लिए परेशानी बढ़ाने वाला रहा। हालांकि, राहत की बात यह रही कि आम आदमी पार्टी इन हालातों में भी पार्टी टूटी नहीं। चुनावी जानकारों की माने तो केजरीवाल की रिहाई का असर दिल्ली, पंजाब व हरियाणा की उन 18 लोकसभा सीटों पर पड़ेगा, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनावी जानकारों की माने तो केजरीवाल की रिहाई का असर दिल्ली, पंजाब व हरियाणा की उन 18 लोकसभा सीटों पर पड़ेगा, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें दिल्ली की 4, पंजाब की 13 और हरियाणा की 1 सीट शामिल है। माना जा रहा है कि अंतरिम जमानत के दौरान अरविंद केजरीवाल दिल्ली में आप की 4 सीटों पर प्रचार के अलावा उन सीटों 3 सीटों पर भी प्रचार करेंगे, जहां इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने कैंडिडेट उतारे हैं। इसके अलावा केजरीवाल पंजाब की सभी सीटों पर प्रचार करेंगे। यहां आप अकेले चुनाव लड़ रही है, जबकि हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। ऐसे में इंडिया अलायंस व कांग्रेस को अरविंद केजरीवाल से फायदा मिलने की उम्मीद है। जानकारों का भी यह कहना है कि अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से इंडिया अलायंस को फायदा होगा। माना जा रहा है कि दिल्ली कम से कम 3 सीटें जीतने के मौके भी हैं। इसके अलावा केजरीवाल के चुनाव प्रचार में उतरने से ओवरऑल दिल्ली व पंजाब में बीजेपी को नुकसान हो सकता है। उनका बाहर आने का असर आम आदमी पार्टी के प्रचार में तो दिखेगा. साथ ही सहानुभूति का फैक्टर भी काम कर सकता है।