जस्टिस सुधीर जैन व जस्टिस रविंदर डुडेजा की बेंच कर रही है सुनवाई .. फैसला आने तक जेल में ही रहेंगे केजरीवाल
टाकिंग पंजाब
चंढीगड़। राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दिल्ली शराब नीति केस में जमानत मिलने के बाद ईडी की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट की वेकेशनल बेंच में याचिका लगाई गई थी। ईडी की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है, तब तक हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के जमानत के फैसले पर रोक लगा दी है। ईडी की ओर से एएसजीएसवी राजू, केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी व विक्रम चौधरी ने दलीलें रखी। जस्टिस सुधीर जैन और जस्टिस रविंदर डुडेजा की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई दौरान ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि हमें दलीलें रखने का मौका नहीं मिला। इस पर केजरीवाल के वकील बोले कि आपने कल 7 घंटे अपनी बातें रखीं। शालीनता से कुछ बातें स्वीकार करनी चाहिए। एसवी राजू ने कहा कि इस केस पर मैं तत्काल रोक लगाने की मांग कर रहा हूं। आदेश अभी अपलोड नहीं हुआ है व शर्तें पता नहीं हैं। हमें जमानत याचिका का विरोध करने का पूरा मौका नहीं दिया गया। एएसजीएसवी राजू ने कहा कि मैंने कहा कि मुझे अपनी दलीलें पूरी करने दी जाएं तो मुझे ऐसा करने की इजाजत नहीं दी गई। मेरी दलीलें कम कर दी गईं। मेरी दलीलें कम कर दी गईं। इस दौरान केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि क्या सात घंटे की दलीलें काफी नहीं हैं। किसी को शालीनता से भी कुछ स्वीकार कर लेना चाहिए। उस पर एसवी राजू ने कहा कि सरकारी वकील को एक मौका दिया जाना चाहिए, वह मौका नहीं दिया गया। एएसजीएसवी राजू ने कहा किरोक लगाने की मेरी अपील पर भी विचार नहीं किया गया। मैं यह आरोप पूरी गंभीरता से लगा रहा हूं कि आदेश पर रोक लगाई जाए। मामले की जल्द से जल्द सुनवाई हो। इस पर केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि वह शालीनता से कुछ स्वीकार नहीं कर सकते। ईडी के साथ यही समस्या है। इस दौरान वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शोर-शराबा व गरमागरमी से कोई समस्या हल नहीं होने वाली। सुप्रीम कोर्ट के 10 फैसले हैं कि जमानत रद्द करना, जमानत देने से बिल्कुल अलग है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि फाइल आने दीजिए, हमने अभी अंतिम आदेश नहीं दिया है। इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी की याचिका पर सुनवाई होने तक ट्रायल कोर्ट के आदेश को प्रभावी नहीं माना जाएगा। यानी हाईकोर्ट का जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक केजरीवाल जेल में ही रहेंगे।