अपने चहेते नेताओं के साथ गोटियां फिट करने में लगे आप पार्षद .. क्या हाईकमान के लिए चुनौती बनेगा मेयर का चुनाव
टाकिंग पंजाब
जालंधर। महानगर जालंधर में हुए नगर निगम के चुनाव के बाद मेयर की कुर्सी से दूर चल रही आप ने अब मेयर की कुर्सी पक्की कर ली है। इसका कारण यह है कि चुनावों में 38 सीटें हासिल करने वाले आप ने अब बहुमत के लिए जो 43 पार्षद चाहिए थे, उससे 1 ज्यादा ही कर लिया है। अब आप के पास 44 पार्षद हो गए हैं व इसमें अभी तीन विधायकों के अतिरिक्त राज्यसभा सांसद का मत भी डलेगा। इसके चलते अब तो आप के पास यह संख्या 48 पर पहुंच गई है। अब मेयर की कुर्सी पक्की होने के बाद यह चर्चा छिड़ गई है कि अब इस कुर्सी पर आखिर बैठेगा कौन ?। मेयर की कुर्सी हासिल करने के लिए तो अब विजयी पार्षदों में जोर आजमाईश भी शुरू हो गई है। दरअसल चुनाव से पहले यह कहा जा रहा था कि इस बार आप मेयर की कुर्सी पर किसी महिला को बिठा सकती है। इसके लिए अरूणाअरोड़ादौड़ में सबसे आगे चल रही थी। अब जब आप मेयर की कुर्सी तक पहुंच गई है तो इस कुर्सी के कईं दावेदार सामने आ गए हैं। अब महिला मेयर बनने का सपना सच्च होता दिखाई नहीं दे रहा है। मेयर पद के दावेदारों की बात करें तो अपने वार्ड में सबसे ज्यादा वोटें हासिल करने वाले व भाजपा से आप में शामिल हुए विनीत धीर भी इस दौड़ में शामिल हैं। हालांकि उनका नेगटिव प्वाइंट यह है कि वह हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं, जबकि पार्टी इस पद पर आप के ही किसी पुराने साथी को बिठाना चाहती है, ताकि पुराने नेताओं में पार्टी प्रति नाराजगी न हो जाए। हालांकि वह एक बढिया नेता हैं व इनको मेयर की कुर्सी पर बिठाने के लिए जोर लगाया जा रहा है। इसके चलते वह भी मेयर पद पर काबिज हो सकते हैं। फिल्हाल मेयर पद के दावेदारों में विनीत धीर का नाम भी आ रहा है। इसके बाद अगर किसी पार्षद की बात करें तो इसमें अश्विनी अग्रवाल का नाम ऊी आता है। अश्विनी अग्रवाल लोकसभा के इंचार्ज हैं ओर वह पिछले काफी समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। पार्टी में उनके कुछ चाहने वाले हैं, जो कि उन्हें मेयर की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं। अगर उनकी चल गई तो हो सकता है मेयर की कुर्सी का सुख अश्विनी अग्रवाल ले जाएं। इसके अलावा आप नेता दिनेश ढल्ल के भाई अमित ढल्ल भी इस दौड़ में नजर आ रहे हैं। दिनेश ढल्ल की पार्टी हाईकमान में अच्छी खासी पकड़ है, जिससे हो सकता है कि मेयर की कुर्सी अमित ढल्ल की झोली में आ जाए। इसके अलावा भाजपा से आप में आने वाले मुकेश सेठी का नाम भी इस दौ़ड़ में लिया जा रहा है। अपने खासमखास नेता के आप छोड़ने के बाद भी मुकेश सेठी पार्टी में डटे रहे व आप ने उन्हें टिकट भी दी। इसके बाद वह पहली बार चुनाव जीते हैं व मेयर की कुर्सी के लिए उनका नाम भी लिया जा रहा है। फिल्हाल पार्टी की तरफ से जालंधर का मेयर कौन होगा, इसको लेकर जोर आजमाईश तो चल रही है, लेकिन इस दौड़ में वह ही बाजी मारेगा, जिसको स्थानीय नेताओं का समर्थन प्राप्त होगा। यह स्थानीय नेता अब किसके पक्ष में अपनी राय हाईकमान को भेजते हैं, यह तो समय बताऐगा, लेकिन मेयर पद की दौड़ जालंधर से लेकर दिल्ली तक लगी हुई है।