जनवरी माह में था 11वां नंबर, लेकिन अगस्त में लुढक कर पहुंचा गया 71वें नंबर पर
स्मार्ट सिटी के लगभग सभी प्रोजेक्ट पड़े हैं बंद..नईं सरकार भी अभी तक नहीं कर पाई कोई करिश्मा
टाकिंग पंजाब
जालंधर। सिटी को स्मार्ट बनाने का दावा करने वाली सरकारों की पोल इस अगस्त माह में जारी की गई रैंकिंग ने खोल दी है। पंजाब में रही कांग्रेस सरकार व अब पंजाब पर राज कर रही आप की सरकार चाहे लाख दावे करे, लेकिन सच्चाई यह है कि जालंधर सिटी के हालात बद से बद्दतर होते जा रहे हैं। समार्ट सिटी रैंकिग में जालंधर को इतना बड़ा झटका लगा है कि जनवरी माह में 11 नंबर रैंकिग पर रहने वाला जालंधर अगस्त माह में जारी की गई नई रैंकिग में नंबर 71 पर पहुंच गया है।
पिछले तीन महीनों में स्मार्ट सिटी कंपनी के काम पूरी तरह से बंद पड़ा है, जिसके कारण रैंकिग में गिरावट आई है। फिलहाल हालात यह हैं कि सभी प्रोजेक्ट रोक दिए गए हैं। पिछले तीन महीने के दौरान सरफेस वाटर प्रोजेक्ट, स्मार्ट रोड, स्पोर्ट्स हब समेत अन्य बड़े प्रोजेक्ट पर सरकार तकनीकी फैसले नहीं ले पाई है व ना ही ठेकेदारों को भुगतान किया गया है। ठेकेदारों ने सभी काम रोक रखे हैं, जिसके कारण जालंधर के हालात बद्दतर हो गए हैं।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ का पद भी इसमें बड़ी बाधा रहा है। जून महीने के पहले हफ्ते में ही सीईओ करनेश शर्मा का तबादला हो गया था व उसके बाद नया सीईओ लगाने में काफी समय लगा। काफी समय बाद आईएएस दीपशिखा शर्मा को जिम्मेदारी तो दी गई लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह यह पद संभाल नहीं सकी व उनका तबादला कर दिया गया। नए सीईओ दविदर सिंह ने पद संभाला है ओर अभी वह सभी प्रोजेक्ट रिव्यू कर रहे हैं।
इसके चलते अभी तक किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने व भुगतान को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। इस बीच एलईडी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं व जांच चल रही है, जिसके कारण इस प्रोजेक्ट पर भी काम रुका हुआ है। कुल मिलाकर स्मार्ट सिटी कंपनी के सभी प्रोजेक्ट फंस गए हैं व जिसके कारण जालंधर की समार्ट सिटी मामले में रैकिंग काफी गिर गई है। अगर हालात ऐसे ही रहे व सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में इस रैंकिंग के और गिरने का खतरा बन हुआ है।