आप प्रवक्ता ने कहा, हार के कारणों की होगी समीक्षा, 100 दिन के शासन में ऐसी क्या भूल हुई जो संगरूर की जनता ने उन्हें ठुकरा दिया
टाकिंग पंजाब
संगरूर। एक बहुत ही मशहूर गीत है, हमसे क्या भूल हुई, जो यह सजा हमकॉ मिली… संगरूर में लोकसभा उप-चुनाव के आए नतीजों ने पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को यह बात सोचने पर मजबूर कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह क्षेत्र माने जाते संगरूर में मिली इस हार के बाद पार्टी इस सोच-विचार में पड़ गई है कि आखिर इस 100 दिन के शासन में ऐसी क्या भूल हो गई कि संगरूर की जनता ने उन्हें ठुकरा दिया। हालांकि संगरूर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 2 बार सांसद रह चुके हैं। इस चुनाव में मिली हार के बाद आप नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। हालांकि पार्टी का कहना है कि इस हार की समीक्षा की जाएगी, ऐसा क्या हो गया कि तीन महीने में ही मुख्यमंत्री के गढ़ में कोई दूसरा सेंधमारी कर गया। इतना ही नहीं इस हार से पता चलता है कि पार्टी का दो प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर ही गिर गया है। आप लीडरशिप की चिंता का एक कारण यह भी है कि पंजाब को सीढी बनातर तो आप हिमाचल व गुजरात में सत्ता हासिल करने की सोच रही है, अगर पंजाब में 3 माह बाद ही आप का ग्राफ गिर गया तो वकई आप लीडरशिप के लिए चिंता का विषय तो है ही …
चुनाव में मिली इस हार के बाद दिल्ली के सांसद राघव चड्डा ने कहा कि हमें संगरूर की जनता का फैंसला मंजूर है। इसके अलावा पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि हार के कारणों को जानने के लिए पार्टी इस पर चिंतन मंथन जरूर करेगी। उन्होंने माना कि पार्टी का दो प्रतिशत वोट शेयर कम हुआ है उनका प्रत्याशी हारा है तो जाहिर है कोई न कमी रह गई होगी। उसे समीक्षा के बाद दूर करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी ऐसा हुआ था कि विधानसभा चुनाव वह जीत गए थे लेकिन लोकसभा में हार गए थे। ऐसा सिर्फ उनके साथ ही नहीं हुआ बल्कि कांग्रेस अकाली दल और भाजपा के साथ भी ऐसा हुआ है। हमने पंजाब में भ्रष्टाचार को नकेल डाली है। युवाओं को रोजगार देने से लेकर अन्य जनहित के कार्य जारी रहेंगे व लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।
इस हार के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का एक इमोशनल ट्वीट सामने आया है। इस ट्वीट में भगंवत मान ने कहा है कि संगरूर दे लोकां दा फ्तवा सिर मत्थे, मैं पंजाब दी तरक्की ते खुशहाली दे लई दिन रात इमानदारी नाल मेहनत कर रिहा हां ते करदा रहांगा। मैं तुहाडा बेटा हां अते तुहाडे परिवार दे भविख नू रोशन करन लई कोई कसर नहीं रहन देवांगा।