इन हादसों के बावजूद भी कम नहीं हो रहा शिव भक्तों का उत्साह
टाकिंग पंजाब
बालटाल। शुक्रवार को पवित्र अमरनाथ गुफा की करीब बादल फटने से जहाँ अब तक 15 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है, वहीं 50 से ज्यादा लापता हो गए हैं। आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा दौरान ऐसा हादसा कोई पहला हादसा नहीं हैं, इससे पहले भी इस अमरनाथ यात्रा दौरान बादल फटने की कई हादसे हो चुके हैं। इन हादसों की बाद भी शिव भक्तों का उत्साह कभी कम नहीं हुआ है। शिव भक्त पहले से भी अधिक श्रदा व जोश के साथ बाबा बर्फ़ानी के दर्शन के लिए जाते रहे हैं। आज हम आपको बता रहे है कि इससे पहले पवित्र अमरनाथ यात्रा दौरान कब और कहाँ बादल फटने के हादसे हुए है।
पहले कब-कब हुई ऐसी घटनाएं, पढ़े
वर्ष 1969 में फटा था बादल :- वर्ष 1969 मेें अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटा था। उस समय में आज की तरह यात्रा प्रबंध नहीं हुआ करते थे। श्रद्धालु करीब दो सप्ताह तक यात्रा मार्ग पर फंसे रहे थे। यह यात्रा के दौरान पहला बड़ा हादसा था। उस हादसे में करीब 100 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई थी।
वर्ष 1996 में गई थी 250 श्रद्धालुओं की जान : वर्ष 1996 की त्रासदी अमरनाथ यात्रा इतिहास में सबसे बड़ी त्रासदी मानी जाती है। अगस्त में हुई इस त्रासदी के दौरान भी अमरनाथ गुफा के नजदीक ही बादल फटा था। श्रद्धालु जब बाबा बर्फानी की भक्ति में लीन थे, उसी दौरान पानी का तेज बहाव श्रद्धालुओं को अपने साथ बहाकर ले गया था व करीब 250 श्रद्धालुओं की जान गई थी।
वर्ष 2015 में बालटाल में हुआ था हादसा : वर्ष 2015 में बालटाल आधार शिविर के पास बादल फटने से दो बच्चों समेत तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी व काफी नुकसान हुआ था। इस दौरान लंगरों के अस्थायी ढांचे भी ध्वस्त हो गए थे।
वर्ष 2021 में भी पवित्र गुफा के पास फटा था बादल : जुलाई 2021 के अंतिम दिनों में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटा था। हालांकि उस समय कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा को रद कर दिया गया था। यदि यात्रा होती तो उस दौरान भी जानमाल का काफी नुकसान होता।