चंदा मिलने के मामले में भी विरोधी पार्टीयों से आगे रही है बीजेपी 

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भाजपा को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2206 लोगों ने दिया 545.545 करोड़ रुपए का चंदा

1111 कारपोरेट सेक्टर से बीजेपी को मिले 416.794 करोड़ रुपए, फिसड्डी रहीं विपक्षी पार्टियां 

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। भारत में राजनीतिक दलों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है चंदा ही है। इस चंदे के चलते ही राजनीतिक पार्टीयां अपन खर्चो को पूरा करती हैं। राजनितिक दलों को यह चंदा करोड़ों रूपयों में मिलता है। एक जानकारी के अनुसार राजनीतिक दलों को मिले चंदे के कुछ आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश की राष्ट्रीय पार्टियों को 3753 लोगों ने 20 हजार या उससे अधिक की रकम बतौर चंदा दी है। राजनीतिक दलों को 20 हजार रूपए या उससे अधिक का चंदा 593 करोड़ 75 लाख रुपए मिला है।  बहुजन समाज पार्टी इकलौती ऐसी राष्ट्रीय पार्टी रही जिसने बिल्कुल तय समय पर यानी 9 सितंबर 2021 को ही अपने आय-व्यय का ब्यौरा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था। इस ब्यौरे के अनुसार बसपा को लगातार 15वें साल एक भी व्यक्ति ने 20 हजार रुपए से अधिक का चंदा नहीं दिया है।

    “नेशनल इलेक्शन वॉच व एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने निर्वाचन आयोग को मिले पार्टियों की आय-व्यय के सालाना ब्यौरे के आधार पर रोचक विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक 20 हजार रुपए से ज्यादा रकम के चंदे की श्रेणी में बीजेपी को 2206 दाताओं से कुल 545.545 करोड़ रुपए मिले हैं। इनमें 1111 चंदा देने वाले तो कारपोरेट सेक्टर से हैं, जिन्होंने 416.794 करोड़ रुपए चंदा दिया है। इसके अलावा 1071 दाताओं ने निजी तौर पर 60.37 करोड़ रुपए का चंदा बीजेपी को दिया है।

बीजेपी के अलावा विपक्षी पार्टियों की बात करें तो कांग्रेस को 146 कारपोरेट दाताओं ने 35.89 करोड़ रुपए व 931 निजी दाताओं ने 38.63 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। इसके अलावा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से बीजेपी, एनसीपी व कांग्रेस को कुल 216 करोड़ रुपए मिले हैं व इनमें बीजेपी को सबसे ज्यादा 209 करोड़ रुपए, एनसीपी को 5 करोड़ व कांग्रेस को 2 करोड़ रुपए का चंदा मिला है।

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