सीजेआई एनवी रमना ने कहा..मामले की सुनवाई के लिए एक बड़ी बेंच की आवश्यकता।
टाकिंग पंजाब
मुंबई। शिव सेना प्रमुख उद्दव ठाकरे व शिंदे गुट के बीच चले घमासान के बीच महाराष्ट्र का सियासी मामला उलझता ही जा रहा है। सूत्रों की माने तो सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच गठित कर सकता है। फिल्हाल मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी व हिमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे व एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए एक बड़ी बेंच की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बेंच किस तरह की हो, उस पर विचार कर बेंच का गठन करनें में कुछ समय लग सकता है। इस बीच शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने उद्धव गुट की याचिकाओं का जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष अपनी लिखित दलीलें जमा करें। इस मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी।
इस मामले को जाने दिया गया तो ऐसे हर चुनी हुई सरकार गिर जाएगी – कपिल सिब्बल
कोर्ट सुनवाई दौरान उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य में जिस तरह से सरकार को गिराया गया है, वह संविधान के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि अयोग्यता की याचिका लंबित होने के बाद भी शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जबकि फैसला आने तक इंतजार किया जा सकता है। उन्होंने कहा अगर इस मामले को जाने दिया गया तो ऐसे हर चुनी हुई सरकार गिर जाएगी।
दरअसल महाराष्ट्र में दोनों खेमों यानि कि एकनाथ शिंदे व उद्धव ठाकरे अपने-अपने विधायकों की विधायकी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उद्धव खेमे की ओर से शिंदे गुट के 15 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिए जाने के बाद शिंदे खेमे के स्पीकर की ओर से उद्धव खेमे के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की गई है। इसके बाद उद्धव खेमा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इन्हीं मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।