पंजाब में आटा-दाल स्कीम के तहत बने कार्डाें की फिर से जांच करवाऐगी सरकार 

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1 अक्टूबर से घर-घर आटा पहुंचाने की योजना को लागू करने जा रही है सरकार

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चंडीगढ। होशियारपुर में आज सुबह एक मसर्डिज कार में 2 ​रूपए किलों वाली गेंहू लेने आए एक व्यक्ति की वीडियो व खबर वायरल हुई थी। इस वायरल खबर से पता चलता है कि पंजाब के नेताओं ने अपने चहेतों को खुश करने के लिए कार वालों के भी मुफ्त गेंहू आबंटन के कार्ड बनाए हुए हैं। अब पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने 1 अक्टूबर से घर-घर आटा पहुंचाने की योजना को लागू करना है, जिसकी तैयारी भी की जा रही है।

मगर इससे पहले आप की सरकार ने फैंसला लिया है कि वह कांग्रेस के कार्यकाल में बने आटा-दाल के कार्डों की वेरिफिकेशन करवाएगी।  इसका मुख्य कारण यह ही है कि  जो इस तरह के लोग राशन लिए जा रहे हैं, जो कि इसके योग्य ही नहीं हैं, उनको इस स्कीम से दूर रखा जा सके। कार्डों की वेरिफिकेशन करवाने के लिए पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

सरकार ने इस वेरिफिकेशन का काम 30 सितंबर से पहले पहले पूरा करने के आदेश भी दिए हैं।   इसके बाद अब उन लोगों को चिंता सताने लगी है, जिनके कार्ड चुनावों से पहले बनाए गए हैं।  राज्य के खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने सभी जिलों के डीसी को पत्र जारी कर दिया है।

  इस पत्र के आधार पर स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम के तहत बने हर व्यक्ति के कार्ड की जांच की जाएगी। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वेरिफिकेशन के दौरान अयोग्य पाए जाने लाभपात्रियों के कार्ड तुरंत काट दिए जाएं। मगर इसमें सरकार की ओर से कोविड के दौरान जिन बच्चाें के माता पिता या परिवार के मुखी की मौत हो चुकी है उनके कार्डों की जांच नहीं की जाएगी।    पंजाब में 2017 में बनी कांग्रेस सरकार ने भी आते ही आटा-दाल के कार्डों की वेरिफिकेशन करवाई थी। इस दौरान 2017 के चुनावों से पहले अकाली सरकार द्वारा धड़ाधड़ बनाए गए कार्डों को वेरिफिकेशन में अयोग्य करार दे दिया था। मगर 5 साल निकल जाने के बाद फिर 2022 के चुनावों से पहले कांग्रेस सरकार ने भी अकाली सरकार की तरह लोगों के कार्ड बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

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