राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को नोटिस किया है जारी

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एससी छात्रों की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप जारी ना करने पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी

संवाद न्यूज एजेंसी 

जालंधर। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 की एससी/एसटी की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप राशि पंजाब सरकार द्वारा ना तो कॉलेजों को जारी की गई  व ना ही बजट में इसके लिए कोई प्रावधान रखा गया। इस राशि के ना आने से बहुत से छात्र अपनी पढाई छोड़ चुके हैं व बहुत से कॉलेज बंद व बहुत से दिवालिया होकर बंद होने की कगार पर खड़े हैं। इन बातों का प्रग्टावा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ अनएडिड स्कूल एंड कॉलेज (कासा) ने किया।

   कॉन्फ़ेडरेशन के चेयरमैन अश्वनी सेखड़ी ने कहा कि इस मसले को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, केंद्र सरकार ने 13 सितम्बर 2022 को एक बैठक का आयोजन किया था। इसमें प्रधान सचिव, सामाजिक न्याय, अधिकारिता व अल्पसंख्यक विभाग, प्रमुख सचिव, पंजाब सरकार को सुनवाई के लिए बुलाया गया था, लेकिन पंजाब सरकार से ना मुख्य सचिव व ना ही कोई अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। इन अधिकारियों के न आने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

  चेयरमैन अश्वनी सेखड़ी ने कहा कि प्रमुख सचिव, पंजाब सरकार का इस मुद्दे को नज़रअंदाज करना छात्रों व कॉलेजों के लिए नुकसानदायक है। कालेजों पर वित्तीय भार बन रहा है, जिसका असर अनुसूचित जाति के छात्रों पर पड़ेगा। सेखड़ी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कहा गया था कि इन तीन वर्षों की स्कालरशिप का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार से लिया जाएगा लेकिन नोटिस में लिखा गया है कि पंजाब सरकार  यह भी स्पष्ट करे कि केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत हिस्सा लेने का निर्णय राज्य सरकार में किस स्तर पर लिया गया।

   कासा के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने कहा कि बहुत से कॉलेज अपने लोन, खर्चों, अपने स्टाफ मेंबर्स की सैलरी देने में असमर्थ हो चुके हैं। इस दौरान विपिन शर्मा, संजीव चोपड़ा, डॉ. अनूप बोरी ने कहा कि स्कालरशिप राशि ना आने से केवल कॉलेज ही नहीं छात्र भी परेशान हैं। अगर छात्रों की संख्या की बात की जाए तो पिछले सालों से एससी छात्रों की एडमिशन 3.50 लाख से गिर कर केवल 1 लाख के करीब रह गई है। सरकार की अंदेखी के कारण पंजाब के युवाओं का भविष्य अंधरे की तरफ जा रहा है। अनिल चोपड़ा ने कहा कि इस राशि के लिए कॉलेजों का कई बार ऑडिट हो चूका है व बहुत बार सरकारों की कॉलेजों के साथ मीटिंग्स भी हो चुकी हैं लेकिन ना अभी तक कोई राशि जारी की गई है ना ही कोई जानकारी दी गई है।

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