जाम के कारण रेंगती हुई नजर आई ट्रैफिक में फंसी गाड़िया .. स्कूली बसों के जाम में फंस जाने से बच्चे व अभिभाविक भी हुए परेशान
टाकिंग पंजाब
जालंधर। आज के समय में अपनी मांगो को मनवाने के लिए हर कोई सड़को पर उतर आता है। शहर के मुख्य चौक को जाम कर दिया जाता है, जिसके कारण जनता को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। इन जाम लगाने वालों को इस बात का एहसास नहीं होता कि उनके इस जाम में कोई ऐंबुलेंस फंसी हो सकती है, जिसमें कोई मरीज अपनी आखिरी सांसे गिन रहा हो सकता है, स्कूली बच्चों की वैन फंसी हो सकती है, जिसमें सुबह से निकले बच्चे घर जाने की जल्दी में हो सकते हैं या फिर कोई ऐसा व्यक्ति फंसा हो सकता है, जिसका कहीं पहुंचना जन्म मरण का सवाल पैदा कर सकता है।
आज प्रभु यीशु मसीह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ईसाई भाईचारे ने पीएपी चौंक पर धरना लगा दिया। इस धरने में शामिल होकर सैंकड़ों ईसाई भाईचारे के लोगों ने प्रभु यीशु मसीह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले वारिस पंजाब दे संस्था प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि वारिस पंजाब दे संस्था के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने प्रभु यीशु मसीह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इससे ईसाई भाईचारे के लोगों की धार्मिक भावनाएं तो आहत हुई ही हैं, साथ ही उनमें काफी रोष पाया जा रहा है, इसलिए उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
ईसाई भाईचारे के इस प्रर्दशन के कारण पीएपी चौक पर ट्रैफ्रिक व्यवस्था चरमरा गई। इस रोष प्रर्दशन दौरान सैंकड़ों ही गाड़िया जाम में फंस गई जिसके कारण पीएपी चौंक से लेकर पठानकोट चौंक व होशियारपुर चौंक तक गाड़ियां रेंगती हुई नजर आई। इस जाम का सबसे ज्यादा खामियाजा स्कूली बच्चों को भी भुगतना पड़ा। इस जाम में कईं स्कूलों की बसें फंस गईं जिसके कारण स्कूलों से घर पहुंचने वाले बच्चे लगभग 2 घंटे की देरी से घर पहुंचे। इसके अलावा जिन लोगों ने जालंधर से पठानकोट, अमृतसर की तरफ जाना था, उनको भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस जाम के कारण एक एम्बुलैंस भी फंस गई। हालांकि मसीही भाईचारे के नेताओं ने खुद किसी तरह एम्बुलेंस को बाहर निकाला। जब बच्चों के माता-पिता को पीएपी चौंक पर अपने बच्चों की स्कूल बस के फंसे होने की सूचना मिली तो वह उन्हें लेने के लिए पीएपी पहुंच गए। इस दौरान कुछ अभिभावकों की जाम लगाने वाले मसीही भाईचारे के लोगों के साथ तीखी बहस भी हुई। पुलिस ने बीच-बाचव करके दोनों पक्षों ठंडा किया। मामला बिगड़ता देखकर प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों मौके पर पहुंचे व उन्होंने मसीही भाईचारे के नेताओं पीएपी चौक को जाम न करने की ताकीद भी दी।
इस पर मसीही भाईचारे के नेताओं का कहना था कि उनकी भावनाएं आहत हुई हैं व पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। मसीही भाईचारे के लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि वह पीएपी चौक पर संगत को लेकर पक्का धरना लगाएंगे व यहीं पर उनके रहने व लंगर का प्रबंध भी करेंगे। उनका कहना था कि वह तब तक धरना नहीं उठाऐंगे, जब तक अमृतपाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता।
ईसाई भाईचारे अपनी जगह ठीक था। किसी के धर्म के बारे में किसी को कुछ भी कहने का कोई हक नहीं है। बस परेशानी तो इस बात से थी कि इस धरने व जाम के कारण जो लोग व बच्चे परेशान हुए उनका क्या कसूर था ? शायद इस बात का जवाब न तो धरना लगाने वालों से मिलता है व न ही पुलिस प्रशासन इसका कोई जवाब दे पाता है व यह सिलसिला ऐसे ही सदियों से चलता आ रहा है।