प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पीएस बख्शी ने वायु प्रदूषण के क्षेत्रीय स्रोतों व इसके स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में दी जानकारी
टाकिंग पंजाब
जालंधर। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट वेलफेयर विंग ने ‘वायु प्रदूषण’ विषय पर जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम देश के ‘लंग्स केयर फाउंडेशन व डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन’ के सहयोग से किया गया था। मुख्य रूप से कुलीन डॉक्टरों पर आधारित टीम ने राज्य और देश में प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए विचार पेश किए।
कार्यक्रम के दौरान पराली जलाने के माध्यम से राज्य में अवांछित धुएं से होने वाली प्रदूषण की समस्या के बारे में बात करते हुए टीम ने प्रभावशाली आंकड़े प्रस्तुत किए जो बड़े पैमाने पर मानव जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। टीम में डॉ. कारमिन उप्पल कार्यक्रम प्रबंधक, डीएफसीए शामिल थे। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पीएस बख्शी ने वायु प्रदूषण के क्षेत्रीय स्रोतों व इसके स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानकारी दी।
टीम ने पराली को बेकार जलाने की बजाय इससे उत्पादक परिणामों का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इसका कागज उद्योग, इथेनॉल व अन्य रसायनों के उत्पादन के लिए, खराब मौसम के दिनों में पशुओं के लिए चारा, व मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने आदि के लिए भी भरपूर उपयोग हो सकता है।