कहा.. पंजाब में पराली जलने से दिल्ली बना गैस चैंबर, दिल्ली में 95 प्रतिशत धुआं पंजाब की पराली कारण
टाकिंग पजाब
नईं दिल्ली। पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं रूक नहीं रही हैं। किसानों के पराली जलाने से वातावरण प्रदूर्षित हो रहा है। उधर दूसरी तरफ किसानों की माने तो उनका कहना है कि 70 प्रतिशत किसानों के पास पराली प्रबंधन का इंतजाम नहीं है, जिसके कारण मजबूरन उन्हें पराली जलानी पड़ रही है। इस पराली के मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। इसके चलते दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र भी लिख दिया है।
उन्होंने इस पत्र में पंजाब की सीएम भगवंत मान से अपील की है कि वह पंजाब में पराली जलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं। हालांकि इस खत का पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पत्र में कहा कि वह पंजाब के सीएम मान का ध्यान दिल्ली के लोगों की तकलीफ की तरफ दिलाना चाहते हैं, जिनमें उनकी कोई गलती नहीं है। पंजाब में पराली जलने के कारण दिल्ली गैस चैंबर बन चुका है।
दिल्ली में 95 प्रतिशत धुआं पंजाब की पराली के कारण है व प्रदूषण स्तर ‘स्वेयर प्लस’ पहुंच चुका है। उपराज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि 24 अक्टूबर 2022 से 2 नवंबर 2022 तक 2021 के मुकाबले इस साल 19प्रतिशत केसों में बढ़ोतरी देखने को मिली है व यह आंकड़ा खतरे की घंटी है। साल 2021 में जहां 18066 मामले सामने आए थे, 2022 में यह बढ़कर 21840 हो चुके हैं।
पत्र में लिखा है कि 2 नवंबर को ही पूरे देश में 3825 मामल पराली जलाने के सामने आए थे, जिसमें से 3634 केवल पंजाब के थे। दिल्ली से कोई भी मामला सामने नहीं आया। उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार में होते हुए हमें किसानों को अलग-अलग तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। एक दूसरे की गलतियां निकालने व अपनी कमियों को छिपाने से बचना चाहिए।